कई रोगों की रामबाण दवा है पूतिकरंज

कई रोगों की रामबाण दवा है पूतिकरंज

पूतिकरंज के फायदे और उपयोग
पूतिकरंज और लताकरंज के औषधीय गुणों के कारण ही इन्हें कई बीमारियों के घरेलू इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आइये पूतिकरंज के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं

माइग्रेन के दर्द से आराम दिलाता है पूतिकरंज
पूतिकरंज के बीजों की गिरी के साथ बराबर मात्रा में सहजन के बीज, तेजपत्ता, वच और खांड मिलाकर पीस कर महीन चूर्ण बनाकर रखें। इसको थोड़ी सी मात्रा में नाक में डालने से खूब छींकें आती हैं, जिसमें दूषित कफ का स्राव होता है, जिससे माइग्रेन में होने वाले दर्द से आराम मिलता है। पूतिकरंज के बीजों को पानी में पीसकर थोड़ा गुड़ मिलाकर, थोड़ा गर्म कर लें। सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो उसके उल्टी तरफ वाले नाक के छिद्र में इसकी 1-2 बूँद टपकाएं। इसके आधे घंटे बाद 1-2 बूँद नाक के दूसरे छिद्र में डालें। ऐसा कुछ दिन करने से माइग्रेन की समस्या में आराम मिलता है।

गंजापन दूर करने के लिए करें पूतिकरंज का उपयोग
आज के समय में अधिकांश लोग बालों के अधिक झड़ने और गंजेपन की समस्या से परेशान रहते हैं। पूतिकरंज के उपयोग से आप गंजेपन की समस्या दूर कर सकते हैं। इसके लिए नियमित रूप से पूतिकरंज से सिद्ध तेल को सिर पर लगाएं।

आंखों की सूजन कम करता है पूतिकरंज
पूतिकरंज के बीजों के चूर्ण को पलाश फूल रस की 21 भावना देकर उसे सुखा लें और उसकी (वर्त्ती) सलाईयाँ बना लें, इन सलाईयों को पानी में घिसकर आंख में काजल के रूप में लगाने से आंखों की सूजन कम होती है। 1-2 ग्राम पूतिकरंज बीज की गिरी, तुलसी और चमेली की कलियों को बराबर मात्रा में लेकर इसे कूट लें। अब इसकी मात्रा के आठ गुने पानी में इसे पकाएं। उबलने के बाद जब मिश्रण एक चौथाई बचे तब इसे छानकर फिर से पकाकर गाढ़ा कर लें और इसे पलकों पर लगाएं। इसे पलकों पर लगाते रहने से पित्त के कारण होने वाले आंखों के रोगों में लाभ मिलता है।

दांतों से जुड़े रोगों को ठीक करता है पूतिकरंज
पायरिया की समस्या से आराम दिलाने में पूतिकरंज काफी उपयोगी है। इसके लिए पूतिकरंज की टहनी का दातून करें और इसके तेल को दांतों पर घिसें। 1 ग्राम पूतिकरंज के बीजों को 1 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर दांतो पर मलने तथा सेवन करने से दाँतों से खून आना बंद हो जाता है।

खांसी से आराम दिलाता है पूतिकरंज
खांसी की समस्या से आराम पाने के लिए पूतिकरंज का निम्न तरीकों से इस्तेमाल करें।

15-75 मिग्रा पूतिकरंज के बीज के चूर्ण में 125 मिग्रा सुहागे की खील मिलाकर, शहद के साथ दिन में 3-4 बार सेवन करें। इससे खांसी से जल्दी आराम मिलता है। इसके अलावा इन बीजों को धागे में पिरोकर गले में बाँधने से 4-5 दिन में खांसी में आराम मिलता है। 10-12 मिली पूतिरंजन की पत्तियों के रस में 250-500 मिग्रा काली मिर्च चूर्ण मिलाकर 4 दिन तक सुबह शाम सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है। 1-2 ग्राम पूतिकरंज बीज को पानी में पीसकर या पानी में उबाल लें। इस पानी को दिन में तीन बार पीने से कुक्कुर खांसी में फायदा होता है। 1-2 ग्राम पूतिकरंज की पत्तियों का चूर्ण या 1-2 ग्राम बीज के चूर्ण का सेवन करने से अस्थमा/दमा में होने वाली खांसी से आराम मिलता है।

पेट से जुड़े रोगों में फायदेमंद है पूतिकरंज
पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याओं जैसे कि पेट फूलना, पाचक अग्नि कमजोर होना आदि के इलाज में पूतिकरंज बहुत उपयोगी है। आइये जानते हैं इन समस्याओं में कैसे करें पूतिकरंज का इस्तेमाल :

पूतिकरंज तथा चित्रक के 10-12 मिली पत्र-स्वरस में 500 मिग्रा काली मिर्च चूर्ण और नमक मिलाकर पिलाने से मंद पाचक अग्नि और दस्त की समस्या से राहत मिलती है। अगर पेट में कीड़े पड़ गए हैं तो उनसे निजात पाने के लिए भी आप पूतिकरंज का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए 5-10 मिली पूतिकरंज बीज के तेल पिएं। इससे पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। पूतिकरंज के पत्तियों को यवागू में उबालकर उचित मात्रा में पिलाते रहने से पेट फूलने और पेट दर्द की समस्या में लाभ मिलता है। 1-2 ग्राम पूतिकरंज चूर्ण का सेवन करने से पेट दर्द, अपच आदि में लाभ मिलता है।

उल्टी रोकने के लिए करें पूतिकरंज का उपयोग
2-3 ग्राम पूतिकरंज बीज गिरी चूर्ण में चीनी और शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से उल्टी और उल्टी में खून आने की समस्या से आराम मिलता है। पूतिकरंज के बीजों को भूनकर उसमें आधा भाग शक्कर मिलाकर कूट पीसकर चने जैसी गोलियाँ बना लें। उल्टी रोकने के लिए हर 10-10 मिनट पर एक-एक गोली का सेवन करें।

खूनी बवासीर में लाभदायक है पूतिकरंज
1-2 ग्राम पूतिकरंज मूल चूर्ण में बराबर मात्रा में चित्रक, सेंधानमक, सोंठ तथा इन्द्रजौ की छाल का चूर्ण मिलाकर, 1-3 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार सेवन करें। इसके सेवन से खूनी बवासीर में फायदा मिलता है। 2 ग्राम पूतिकरंज मूल छाल चूर्ण को गोमूत्र में पीसकर पिलाने से भी खूनी बवासीर में लाभ मिलता है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी है पूतिरंजक
डायबिटीज के मरीजों के लिए पूतिकरंज एक उपयोगी औषधि है। 1-2 ग्राम पूतिकरंज बीज चूर्ण का सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है। खुराक संबंधित अधिक जानकारी के लिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से संपर्क करें। पूतिकरंज के फूलों का काढ़ा बनाकर 15-20 मिली मात्रा में पिलाने से मधुमेह और बार बार पेशाब होने की समस्या में लाभ होता है।

त्वचा संबंधी रोगों को दूर करने में उपयोगी है पूतिकरंज
त्वचा संबंधी रोगों जैसे कि कुष्ठ, विसर्प आदि के इलाज में पूतिकरंज बहुत ही उपयोगी है। आइये जानते हैं कि कैसे करें पूतिकरंज का उपयोग :

10-12 मिली पूतिकरंज की पत्तियों के रस में चित्रकमूल, काली मिर्च और सेंधानमक का चूर्ण मिलाकर दही के साथ दिन में दो बार 3-4 महीने तक लगातार पीते रहने से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है। 1-2 ग्राम पूतिकरंज के फल या बीजों को 1-2 ग्राम इन्द्रजौ के साथ पीसकर लेप करने से भी चर्म रोगों में लाभ होता है। 1-2 ग्राम पूतिकरंज बीजों के साथ बराबर मात्रा में हल्दी, हरड़ और राई पीसकर लेप करने से चर्मरोगों में लाभ होता है। 1-2 ग्राम बीजों के साथ सफेद कनेर की जड़ को पीसकर लेप करने से भी त्वचा रोगों में लाभ होता है। करंज तेल में बराबर मात्रा में नींबू का रस मिलाकर खूब मथ लें, जब पीले रंग का सुन्दर घोल तैयार हो जाए तो इसे लगाते रहने से सिफलिस या किसी अन्य रोग के कारण त्वचा पर हुए दाग ठीक हो जाते हैं। यह घोल खुजली, झाई और चर्म रोग दूर करने में भी सहायक है।

वात दोष के कारण होने वाले दर्द को दूर करने में उपयोगी है पूतिकरंज :
आयुर्वेद के अनुसार वात दोष के असंतुलन या प्रकुपित होने से भी शरीर में दर्द (वातज शूल) की समस्या होने लगती है। वात के कारण होने वाले इस दर्द से राहत पाने के लिए आप निम्न तरीकों से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। पूतिकरंज के 1 बीज की मींगी और 125 मिलीग्राम शुद्ध नीला थोथा, दोनों को पीसकर सरसों जैसी 12 गोलियां बनाकर 1-1 गोली का रोजाना सेवन करें। इसके प्रयोग से वात से होने वाले दर्द से आराम मिलता है। पूतिकरंज की कोमल पत्तियों को तिल के तेल में भूनकर रोजाना सेवन करने से वात से होने वाले दर्द से राहत मिलती है।

बुखार से आराम दिलाने में उपयोगी है पूतिकरंज
अगर आप बुखार से पीड़ित हैं तो पूतिकरंज के बीज की मींगी को पानी में पीसकर नाभि पर टपकाएं। इससे बुखार से जल्दी आराम मिलता है। बुखार ठीक करने के लिए पूतिकरंज की 3 कोपलें और 2 काली मिर्च को पानी में पीसकर नाभि पर लगाएं।

लताकरंज के फायदे और उपयोग
आइये लताकरंज के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

आंखों से जुड़े रोगों को ठीक करती है लताकरंज
लताकरंज के तने और भुने हुए फलों का काढ़ा बनाकर पीने से या इनको पीसकर आंखों के बाहर चारों तरफ लगाने से आंखों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।

कान बहने की समस्या ठीक करती है लताकरंज
अगर आप कान बहने की समस्या से परेशान रहते हैं तो लताकरंज का उपयोग करें। इसके लिए एक से दो बूंद लताकरंज के बीज के तेल को कान में डालें। इसके उपयोग से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए चिकित्सक से संपर्क करें।

पथरी के इलाज में करें लताकरंज का उपयोग
किडनी की पथरी के मरीजों के लिए यह जड़ी बूटी बहुत उपयोगी है। लताकरंज मूल का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पीने से किडनी की पथरी के इलाज में मदद मिलती है।

सूजन कम करने में लाभकारी है लताकरंज
लताकरंज की पत्तियों और तने को पीसकर सूजन वाली जगह पर लगाने से सूजन कम होती है।