चीड़ के तेल के 7 फायदे और नुकसान
चीड़ के तेल के फायदे –
यहां हम चीड़ के तेल के फायदे बताने जा रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
सूजन को कम करे
चीड़ का तेल शरीर की सूजन की समस्या को कम करने में मददगार हो सकता है। इस बात को चीड़ के पेड़ से संबंधित चूहों पर आधारित एनसीबीआई के एक शोध में माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि चीड़ के अर्क में मौजूद फ्लेवेनोइड में एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि सूजन को कम करने में चीड़ का तेल सहायक साबित हो सकता है। सूजन के लिए इसके तेल से मालिश की जा सकती है।
सामान्य सर्दी में सहायक
सामान्य सर्दी-जुकाम की समस्या से राहत पाने के लिए भी चीड़ के तेल का उपयोग किया जा सकता है। यह बात ब्लैक पाइन (चीड़ का एक प्रकार) से संबंधित एक शोध से स्पष्ट होती है। शोध में माना गया है कि चीड़ से तैयार टार को छाती और पीठ पर लगाने से सामान्य सर्दी से राहत पाने में मदद मिल सकती है। वहीं, एक अन्य शोध में इस बात का स्पष्ट जिक्र मिलता है कि चीड़ के टार से भी पाइन ऑयल बनाया जाता है। इस आधार पर कहना गलत नहीं होगा कि चीड़ के तेल का उपयोग कर सामान्य सर्दी को दूर करने में मदद मिल सकती है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
भूख को बढ़ाए
भूख बढ़ाने के मामले में चीड़ का तेल उपयोगी है या नहीं, इस बारे में कोई भी स्पष्ट प्रमाण मौजूद नहीं हैं। हां, कोरियन पाइन के बीज के अर्क से तैयार तेल भूख को कम करने में जरूर सहायक साबित हो सकता है। इस बात की पुष्टि कोरियन पाइन नट ऑयल से संबंधित एक शोध से होती है। इस आधार पर चीड़ के पेड़ से निकला हुआ तेल बढ़ते वजन को कम करने के उपाय में एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है।
स्किन इन्फेक्शन से दिलाए राहत
त्वचा इन्फेक्शन से बचाव के लिए भी चीड़ के पेड़ से निकला हुआ तेल फायदेमंद हो सकता है। चीड़ से संबंधित एक शोध में इस बात को स्पष्ट रूप से माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि चीड़ के अर्क में एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) और एंटीफंगल (फंगस को नष्ट करने वाला) गुण पाया जाता है। शोध में आगे इस बात का भी जिक्र मिलता है कि चीड़ का अर्क मुंहासे, एक्जिमा (खुजली और सूजन से जुड़ा त्वचा विकार) और सोराइसिस (सूखे और खुजली युक्त चकत्तों का होना) में राहत दिला सकता है।
आर्थराइटिस में पहुंचाए आराम
लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि चीड़ के तेल में एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) गुण पाया जाता है। वहीं, आर्थराइटिस की समस्या में होने वाली जोड़ों की सूजन से राहत पाने के लिए एंटीइन्फ्लामेट्री दवाइयों का उपयोग लाभकारी माना जाता है। ऐसे में चीड़ के तेल में मौजूद सूजन कम करने वाला यह प्रभाव काफी हद तक सहायक साबित हो सकता है।
जलने के कारण हुए जख्म में फायदेमंद
जलने के कारण हुए जख्म के दर्द से राहत पाने के लिए और उसे ठीक करने के लिए भी चीड़ के तेल का उपयोग किया जा सकता है। चूहों पर आधारित चीड़ के तेल से संबंधित एनसीबीआई के एक शोध में इस बात को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है। शोध में माना गया है कि चीड़ के तेल में मौजूद एंटीइन्फ्लामेट्री गुण जलने के कारण होने वाली सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। साथ ही यह भी पाया गया है कि चीड़ का तेल सेकंड डिग्री बर्न को ठीक करने में सहायक साबित हो सकता है।
मुंहासों को करे दूर
लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि त्वचा से संबंधित कई विकारों को दूर करने में चीड़ का तेल मददगार हो सकता है। इन विकारों में मुंहासों की समस्या भी शामिल है। वहीं, पाइन कोंस (चीड़ का फल) से संबंधित एक अन्य शोध में सीधे तौर पर बताया गया है कि चीड़ के अर्क में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने में सहायक हो सकता है । इस आधार पर मुंहासों से राहत पाने के उपाय के तौर पर चीड़ के तेल को उपयुक्त माना जा सकता है।
चीड़ के तेल के नुकसान –
चीड़ के तेल में टरपीन नाम का एक विषैला पदार्थ भी मौजूद होता है, जिसके कारण कई तरह से चीड़ के तेल के नुकसान देखने को मिल सकते हैं। यही वजह है कि चीड़ के तेल का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। चीड़ के तेल में मौजूद इस विषैले पदार्थ के निम्न दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं|
- निगलने में तकलीफ
- गले में जलन
- आंखों में जलन
- सांस लेने में तकलीफ
- पेट में दर्द
- डायरिया
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- असामान्य हृदय गति
- कोमा
- भ्रम की स्थिति
- अवसाद
- सिर चकराना
- सिरदर्द
- चिड़चिड़ापन
- घबराहट
- दिमाग काम न करना
- बेहोशी आना