किस देवता को तेल और किसको घी का दीपक जलाते हैं?
शास्त्रों के अनुसार सृष्टि को संचालित करने वाली देवी देवताओं की शक्ति को तीन भागों में बांटा गया है। सात्विक, राजसिक और तामसिक। ये तीनों तरह की शक्तियां सृष्टि पर रहने वाले जीवों का पालन पोषण अपने गुण के अनुसार करती हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार पूजा के समय दीपक जलाना आवश्यक माना जाता है।
लेकिन कहा जाता है कि कुछ देवताओं की कृपा तेल का दीपक लगाने पर और कुछ की कृपा घी का दीपक लगाने पर शीघ्र प्राप्त होती है। लेकिन ऐसा क्यों है? ये बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, इसका कारण भी यही तीन गुण है। कुछ देवताओं का प्रभाव तामसिक गुणों पर होता है, उन्हें तेल का दीपक लगाया जाता है, क्योंकि तेल तामसिक गुण का कारक है। इसके विपरित जिन देवी देवताओं का प्रभाव सात्विक व राजसिक गुणों पर होता है, उन्हें घी का दीपक जलाया जाता है, क्योंकि घी में सात्विक और राजसिक गुण होते हैं। इसीलिए शनि, भैरव आदि को तेल का एवं लक्ष्मी, नारायण, कृष्ण आदि को घी का दीपक जलाते हैं।