क्या गौतम अडानी की झोली में आएगा Paytm?

क्या गौतम अडानी की झोली में आएगा Paytm?

देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम अडानी ग्रुप की झोली में जा सकती है। गौतम अडानी इसकी पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस में कुछ हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। इससे अडानी ग्रुप की डिजिटल पेमेंट्स में एंट्री का रास्ता साफ होगा जहां उसका मुकाबला गूगलपे, फोनपे और जियो फाइनेंशियल से होगा।

Vijay Shekhar Sharma and Gautam Adani
     भारत और एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस गौतम अडानी (Gautam Adani) डिजिटल पेमेंट्स सेक्टर में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक अडानी देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस (One 97 Communications) में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रहे हैं। इस सिलसिले में पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने मंगलवार को अहमदाबाद में अडानी के ऑफिस में उनसे मुलाकात की। माना जा रहा है कि दोनों के इस डील की बारीकियों पर चर्चा हुई। अगर यह डील होती है तो इससे अडानी ग्रुप की फिनटेक सेक्टर में एंट्री होगी जहां उसका मुकाबला गूगल पे, वॉलमार्ट के मालिकाना हक वाले फोनपे और मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनेंशियल से होगा। यह अंबुजा सीमेंट्स और एनडीटीवी के बाद अडानी की एक अहम डील होगी।
    विजय शेखर शर्मा के पास वन 97 कम्युनिकेशंस में करीब 19 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू मंगलवार के बंद भाव के हिसाब से 4,218 करोड़ रुपये है। मंगलवार को कंपनी का शेयर 342.45 रुपये पर बंद हुआ था। शर्मा के पास पेटीएम में सीधे तौर पर 9 प्रतिशत हिस्सेदारी है। साथ ही एक विदेशी एंटिटी रेसिलिएंट एसेट मैनेजमेंट के जरिए उनकी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंजों में की गई फाइलिंग के अनुसार शर्मा और रेसिलिएंट दोनों ही पब्लिक शेयरहोल्डर्स के रूप में लिस्टेड हैं। सेबी के नियमों के अनुसार, अगर किसी खरीदार की टारगेट कंपनी में 25 फीसदी से कम हिस्सेदारी है तो उसे न्यूनतम 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए खुली पेशकश करनी होगी। खरीदार कंपनी की पूरी शेयर पूंजी के लिए भी खुली पेशकश दे सकता है।

    किस-किसकी है हिस्सेदारी

    सूत्रों ने बताया कि अडानी और शर्मा के बीच पिछले कुछ समय से बातचीत चल रही है और मंगलवार को अहमदाबाद में अडानी कॉरपोरेट हाउस में हुई उनकी बैठक में सौदे की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया। उन्होंने बताया कि अडानी पश्चिम एशिया के कुछ फंड्स से भी बातचीत कर रहे हैं ताकि उन्हें वन 97 में निवेशक के तौर पर लाया जा सके। इस कंपनी ने देश में मोबाइल पेमेंट्स भुगतान में अग्रणी भूमिका निभाई है। कंपनी के अहम शेयरहोल्डर्स में प्राइवेट इक्विटी फंड सैफ पार्टनर्स (15%), चीनी अरबपति जैक मा की कंपनी एंटफिन नीदरलैंड (10%) और कंपनी के निदेशक (9%) शामिल हैं। मंगलवार को अडानी ग्रुप और वन 97 को भेजे गए ईमेल का प्रेस में जाने तक कोई जवाब नहीं मिला। पेटीएम की स्थापना शर्मा ने 2007 में की थी। कंपनी 2021 में आईपीओ लाई थी जो देश का अब तक का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ है। अभी इसका मार्केट कैप 21,773 करोड़ रुपये है।

    कैटालिस्ट एडवाइजर्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बिनॉय पारिख ने कहा कि पेटीएम जिस वित्तीय दबाव और रेगुलेटरी समस्याओं बाधाओं का सामना कर रही है, उसे देखते हुए अडानी ग्रुप के साथ गठजोड़ करने से उसे इन समस्याओं से निकलने में मदद मिलेगी। यह सौदा अडानी के लिए भी फायदेमंद होगा। उन्हें पेटीएम के स्थापित डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म से अपना डिजिटल फुटप्रिंट बढ़ाने और फिनटेक सेक्टर में अग्रणी कंपनी बनने में मदद मिलेगी। इससे अडानी ग्रुप को पेटीएम के यूजर बेस और टेक ढांचे तक तत्काल पहुंच मिलेगी। यह ग्रुप के कंज्यूमर फेसिंग बिजनस को मदद मिलेगी। वन 97 ने रिचार्ज प्लेटफॉर्म के रूप में शुरुआत की थी। कंपनी ने अपना पेमेंट और मर्चेंट एक्वायरिंग बिजनस पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) में ट्रांसफर कर दिया था। लेकिन आरबीआई ने हाल में पीपीबीएल की एक्टिविटीज पर रोक लगा दी थी।