अक्षय तृतीया : जानिए हिंदू धर्म में क्यों है यह दिन महत्वपूर्ण और क्या हैं इससे जुड़ी मान्यताएं
अक्षय तृतीया, इस पर्व को अखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन का बहुत खास महत्व है। अक्षय तृतीया के पावन पर्व के मौके पर लोग अपने घरों के लिए नए सामान की खरिदारी करते हैं। इस मौके पर सभी लोग मुख्य रूप से सोने के आभूषण खरीदते हैं।
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक यह त्योहार वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया यानि तीसरे दिन मनाया मनाया जाता है। अक्षय का मतलब सनातन और तृतीया का मतलब तीसरा होता है। आइए जानते हैं इस त्योहार से जुड़ी महत्वपूर्ण मान्यताओं के बारे में।
क्यों मनाते हैं अक्षय तृतीया यह त्योहार हिंदू और जैन धर्म के लोगों के लिए काफी महत्व रखता है। इस दिन भगवान परशुराम का जन्मदिन होता है और इसलिए वह इसे परशुराम जयंती के रूप में मनाते हैं। वहीं हिंदू शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया पर्व के दिन स्नान, होम, जप, दान आदि का अनंत फल मिलता है, इसलिए हिंदू संस्कृति में इसका खास महत्व है। वहीं परशुराम के अवतार के अलावा यह भी माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही पीतांबरा, नर-नारायण और हयग्रीव ने भी अवतार लिए। सोना खरीदने का महत्व क्यों ऐसी मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर में समृद्धि आती है। इसकी वजह की बात करें तो ऐसी मान्यता है कि भारतीय काल गणना के सिद्धांत के अनुसान अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग की शुरुआत हुई थी और इसी वजह से इस तिथि को सर्वसिद्ध तिथि माना जाता है। इसी लिए परंपरा के अनुसार सोना खरीदा जाता है। दान का महत्व परंपरा के अनुसार एक मान्यता यह भी है कि अक्षय तृतीया के दिन दान जरूर देना चाहिए। चाहे आपके धन अधिक हो, या कम, अपनी क्षमता के अनुसार इस पर्व के अवसर पर दान जरूर करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करने से दानी का आने वाला समय अच्छा होता है और उसके जीवन में सुख आता है।",