फिरोजा :
फिरोजा बहुत ही सुंदर और चमत्कारिक रत्न है। इसे पहनने से व्यक्ति की ऊर्जा संतुलन में आती है। फिरोजा चिंता, तनाव और परेशानियों को दूर करने की शक्ति रखता है।
फिरोजा रत्न को टरक्वाइज स्टोन भी कहते हैं। यह हल्के नीले रंग से गहरे हरे-नीले रंग का होता है। फिरोजा एक सेमी-प्रीशियस स्टोन है जो कि फास्फेट मिनरल फैमिली से ताल्लुक रखता है। फिरोजा रत्न पहनने से कई ज्योतिषीय और हीलिंग प्रभाव एवं लाभ मिलते हैं। पश्चिमी ज्योतिष में फिरोजा को दिसंबर महीने का बर्थस्टोन माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्राकृतिक टरक्वाइज स्टोन का संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्टोन को पहनने से कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसके साथ ही यह स्टोन बुद्धि और उत्तम स्वास्थ्य भी प्रदान करता है।
इस रत्न का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है। इसे कोई भी धारण कर सकता है। चूंकि, बृहस्पति ग्रह की धनु राशि होती है इसलिए धनु राशि के लोग बिना किसी हिचक के फिरोजा स्टोन पहन सकते हैं। पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार टरक्वाइज धनु राशि का भाग्य रत्न है। इसके अलावा मेष राशि, कर्क राशि, सिंह राशि और वृश्चिक राशि के लोग भी फिरोजा पहन सकते हैं।
फिरोजा रत्न पहनने के लाभ और फायदे :
धारण विधि :
आप फिरोजा स्टोन को माला या ब्रेसलेट या अंगूठी या पेंडेंट के रूप में पहन सकते हैं। इस रत्न की अंगूठी या पेंडल को चांदी की धातु में बनवाए और इसकी अंगूठी तर्जनी या अनामिका उंगली में पहनना चाहिए। फिरोजा माला या ब्रेसलेट या अंगूठी या पेंडेंट को शुक्ल पक्ष के या किसी भी गुरुवार को पहनना चाहिए।
गुरुवार की सुबह उठकर स्नान करें और घर के पूजन स्थल में बैठ जाएं। एक तांबे की कटोरी लें और उसमें गंगाजल, तुलसी की कुछ पत्तियां, गाय का कच्चा दूध, शहद और घी डालें। अब इसमें फिरोजा माला या ब्रेसलेट या अंगूठी या पेंडेंट को डाल दें। इसके बाद 108 बार "ऊं ग्रां ग्रीं ग्रूं सा: गुरुवे नम:" का जाप करें।
इसके बाद फिरोजा माला या ब्रेसलेट या अंगूठी या पेंडेंट को साफ पानी से धोकर धारण कर लें, या माला है तो उसे जाप के उपयोग में लेवे, प्रतिदिन जाप के पश्चात् माला को शुद्ध स्थान पर रखें।
नियम एवं शर्तें -
1-Original Firoja Mala.
2- माला 108 दाने की होगी.
3- माला की साइज़ 36 से 38 इंच है.
4- सम्पूर्ण भारत में डिलीवरी फ्री रहेगी.
5- डिलीवरी 5-7 कार्य दिवसों में होगी.