हमारी भारतीय संस्कृति पूर्ण रूप से प्रकृति से जुड़कर दैनिक प्रक्रिया करने की सलाह देती है। वर्ष के सभी पुष्य नक्षत्रों में कार्तिक पुष्य नक्षत्र का विशेष महत्व है, क्योंकि इसका संबंध कार्तिक मास के प्रधान देवता भगवान लक्ष्मी नारायण से है।
पुष्य नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र माने गए हैं। इनमें 8 वे स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है। यह बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। इसे नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। दिवाली के अवसर पर पड़ने वाला पुष्य नक्षत्र साल में सबसे बड़ा व सर्वाधिक फलदायी बताया गया है। इस बार यह 13 अक्टूबर को है। मान्यता है कि दिवाली पहले पुष्य नक्षत्र में अपने आराध्य देव और कुलदेवता की पूजा करनी चाहिए।
महत्वपूर्ण खरीदी -
कहा जाता है कि पुष्य नक्षत्र के दिन नए बही.खाते और पेन आदि खरीदकर व्यापारिक प्रतिष्ठान में रखने चाहिए। इस दिन आप सोने-चांदी के आभूषण भी खरीद सकते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन साल को सबसे बड़ा व शुभ मुहूर्त होता है। पुष्य नक्षत्र खरीदी गई चीजें दिन दोगुनी बढ़ती हैं। यही वजह है कि इस दिन सोने की खरीददारी दिवाली से ज्यादा की जाती है।
एकाक्षी नारियल -
पुष्य नक्षत्र पर एकाक्षी नारियल का पूजन करने से घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं रहती है। इसे साक्षात देवी मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। अगर रवि पुष्य नक्षत्र के दिन एकाक्षी नारियल की विधि.विधान से पूजा की जाए तो घर में धन और वैभव बना रहता है।
- खरीददारी के शुभ मुहूर्त -
दिनांक 18 अक्टूबर 2022
-- चर लाभ अमृत --
प्रातः 09:19 से 01:39 बजे तक
-- शुभ --
दोपहर 03:06 से 04:33 बजे तक
-- लाभ --
रात्रि 07:33 से 09:06 बजे तक