रसोईघर में आने नहीं पाए अंधेरा
रसोईघर, आपके घर का अहम हिस्सा है। यहीं भोजन बनता है जिससे परिवार को भोजन मिलता है। रसोईघर परिवार के हर व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। अच्छे स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए रसोईघर का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यह घर का ऐसा स्थान है जहां साल के 365 दिन काम होता है। इन वास्तु टिप्स को अपनाकर आप अपने रसोईघर को और अधिक सुविधाजनक बना सकते हैं।
रसोईघर में दिन में पर्याप्त रोशनी आनी चाहिए। रसोईघर में अगर दिन में अंधेरा रहता है तो यह वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं है और न ही आपकी सेहत के लिए अच्छा है। रसोईघर की दीवारों का रंग कभी फीका नहीं पड़ने दें। रसोई से धुआं निकलने का पूरा प्रबंध होना चाहिए। दीवारों में अगर दरार या टूट फूट हो जाए तो इसकी मरम्मत तुरंत कराएं।
किचन को हमेशा साफ रखें। रात में सोने से पहले किचन की सफाई कर लें। झूठे बर्तन वॉश बेसिन में नहीं छोड़ें। रसोईघर के लिए सबसे उपयुक्त स्थान आग्नेय कोण यानि दक्षिण पूर्वी दिशा है जो कि अग्नि का स्थान होता है। दूसरी वरीयता का स्थान उत्तर पश्चिम दिशा है।
पानी के भंडारण, आरओ, पानी फिल्टर और ऐसे सामान जहां पानी संग्रहित किया जाता है, इसके लिए उपयुक्त स्थान उत्तर पूर्व दिशा है। सिंक उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। बिजली के उपकरण दक्षिण पूर्व या दक्षिण दिशा में रखना अधिक उपयुक्त माना जाता है। फ्रिज को पश्चिम, दक्षिण, दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में रखा जा सकता है।
अनाज, मसाले, दाल, तेल, आटा आदि खाद्य सामग्रियों को भंडारण के लिए पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार रसोईघर की कोई भी दीवार शौचालय या बाथरूम के साथ लगी नहीं होनी चाहिए। अगर फ्लैट में रह रहे हैं तो शौचालय और बाथरूम, रसोईघर के नीचे या ऊपर भी नहीं होना चाहिए।
रसोई का दरवाजा उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा में खुलना चाहिए। बाहर हवा फेंकने वाला पंखा पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह उत्तरी दीवार पर भी लगाया जा सकता है।
रसोईघर में पूजा का स्थान नहीं होना चाहिए। भोजन करते समय चेहरा पूर्व या उत्तर की ओर होना अच्छा माना जाता है। किचन में बड़ा छज्जा निकला है तो इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है।