भीम ने द्रौपदी की 7 बार की थी मदद
भीम द्रौपदी को सबसे ज्यादा प्रेम करते थे और उन्होंने द्रौपदी का हर कदम पर साथ दिया था। साथ ही वह द्रौपदी की हर इच्छा की पूर्ति करते थे। वैसे तो भीम ने द्रौपदी की कई जगह मदद की लेकिन यहां चर्चित 7 घटना का वर्णन।
- भीम ने कुबेर के अद्भुत उद्यान से द्रौपदी के लिए दिव्य सुगंध वाले पुष्प लाए थे।
- भीम ने मत्स्य वंश के राजा कीचक का वध किया क्योंकि उसने द्रौपदी के साथ दुर्व्यवहार किया था। बाद में कीचक के भाइयों को ये पता चला हो उन्होंने द्रौपदी को श्मशान भूमि पर चीता की आग में जलाने के लिए बंध दिया था लेकिन भीम ने सभी से अकेले ही युद्ध करने द्रौपदी की जान बचाई थी।
- वनवास के दौरान घने जंगल में भीम द्रौपदी को अपने भुजाओं में उठाकर चलते थे, जिससे उसे चलने में कष्ट न हो।
- भीम ने ही द्रौपदी चीर हरण के बाद 100 कौरवों का अंत करने का वचन दिया था और उसी ने 100 कौरवों का वध कर वचन पूरा किया।
- अज्ञातवास के दौरान जब द्रौपदी को रानी सुदेशना की दासी बनना पड़ा तो भीम को अपार कष्ट हुआ और वे हर क्षण द्रौपदी का ध्यान रखते थे।
- महाभारत युद्ध के 14वें दिन भीम ने ही चीरहरण करने वाले दुःशासन का वध कर उसके सीने का रक्त द्रौपदी को केश धोने के लिए दिया। इससे ही 15 साल बाद द्रौपदी ने पुनः अपने केश बांधे।
- स्वर्ग जाने के दौरान भीम ने द्रौपदी को कई बार चलने में सहयोग दिया था। इस दौरान जब द्रोपदी सरस्वती नदी को पार नहीं कर पा रही थी तब भीम ने एक चट्टान को उठाकर नदी के बीच में रख दिया था जिस पर चलकर द्रौपदी ने नदी पार की थी। वह चट्टान आज भी भीम पुल के नाम से प्रसिद्ध है।