कुंडली का दशम घर क्यों है महत्वपूर्ण?
क्या होता है जब दशम घर हो खाली
दशम घर में यदि कोई ग्रह नहीं है तो जातक को जीवनभर आजीविका का संकट बना रहता है। जातक जो भी कार्य करता है, चाहे वह बिजनेस हो या जॉब, उसमें स्थायित्व नहीं रहता। दशम स्थान खाली होने पर जातक को कार्य के साथ बार-बार स्थान भी बदलना पड़ता है। वह आशातीत रूप से पद-प्रतिष्ठा प्राप्त नहीं कर पाता है। ऐसे जातक को बार-बार कर्ज लेने की नौबत आती है और चुका नहीं पाने के कारण कर्ज में डूबता जाता है। ऐसे जातक के जीवन में एक बार ऐसी स्थिति आती है जब उसे धन का मोहताज होना पड़ता है।
क्या करें जब दशम घर हो खाली
दशम घर खाली होने पर जातक को कुछ उपाय नियमित रूप से करना चाहिए ताकि खाली घर के दुष्प्रभावों को कम किया जा सके। दशम घर खाली होने पर सबसे पहले जातक को सूर्यदेव की आराधना प्रारंभ कर देना चाहिए। इसके लिए प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य दें। नियमित रूप से शिवजी की आराधना करें। शिव के पंचाक्षरी मंत्र ऊं नम: श्ािवाय की एक माला जाप करें। संभव हो तो सोमवार का व्रत करना शुरू कर दें। किसी ऐसे प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग पर चांदी का नाग अर्पण करें जहां पहले से नाग नहीं लगा हुआ हो। मास शिवरात्रि पर भगवान शिव को 108 बिल्वपत्र अर्पित करें। मास शिवरात्रि प्रत्येक माह के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि को आती है। पिता या पिता के समान आयु के बुजुर्गों की सेवा करें।