Vodafone-Idea कब लॉन्च करेगी 5G सर्विस/When will Vodafone-Idea launch 5G service

Vodafone-Idea कब लॉन्च करेगी 5G सर्विस/When will Vodafone-Idea launch 5G service

जियो और एयरटेल ने अपने 5जी नेटवर्क का काफी विस्तार कर लिया है और वीआई के लिए उनसे प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो रहा है, नतीजतन इसका ग्राहक आधार भी घट रहा है.

Vodafone-Idea कब लॉन्च करेगी 5G सर्विस? 6 महीने में 6 शहरों पर फोकस
Vodafone-Idea कब लॉन्च करेगी 5G सर्विस? 6 महीने में 6 शहरों पर फोकस
कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया अपनी 5जी सेवा को तेजी से विस्तार देने में लगी हुई है. कंपनी छह महीने के भीतर चुनिंदा शहरों और जगहों पर 5जी सेवाओं की पेशकश करने की योजना बना रही है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि जियो और एयरटेल ने अपने 5जी नेटवर्क को काफी बढ़ा दिया है और इनसे मुकाबला करना Vi के लिए कठिन होता जा रहा है नतीजन उसके कस्टमर बेस में भी गिरावट आ रही है.


कंपनी ने ये कहा

वोडाफोन आइडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि अगले तीन वर्षों में 4जी नेटवर्क के विस्तार और मजबूती पर ध्यान देने के साथ कंपनी का पूंजीगत व्यय 50,000-55,000 करोड़ रुपये के बीच रहने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा, "हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता 4जी कवरेज है क्योंकि मेरी नजर में इस इकलौती वजह से हम लगातार ग्राहक गंवा रहे हैं. उस पूंजीगत व्यय में काफी तेजी लाई जाएगी."

मूंदड़ा ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि अब से छह महीने में हमें 5जी को बड़े पैमाने पर शुरू करना चाहिए. मुख्य जोर मुख्य शहरों या अन्य क्षेत्रों पर होगा जहां 5जी उपकरणों की बड़ी मौजूदगी है. यह बाजार विकसित होने के साथ ही हम निवेश करेंगे." उन्होंने कहा कि कंपनी का निवेश प्रतिस्पर्धी होने के लिए 17 प्राथमिकता वाले सर्किलों में कवरेज के विस्तार और मजबूत करने पर केंद्रित होगा.

Vi का घाटा बढ़ा

टेलीकॉम दिग्गज वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) का मार्च 2024 की तिमाही में अपने घाटे में बढ़ोतरी की है. यह घाटा 7,675 करोड़ रुपये है, जो पिछले साल की समान अवधि में 6,419 करोड़ रुपये था.
कंपनी के इस घाटे की वजह इसके ओवर ऑल सब्सक्राइबर आधार में कमी के साथ-साथ ब्याज और फाइनेंशिंग कोस्ट में वृद्धि है. इन चुनौतियों के बावजूद रिपोर्ट की गई तिमाही के दौरान कंपनी का परिचालन राजस्व 10,607 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा.

फर्म ने पर यूज़र एवरेज रेवेन्यू (एआरपीयू) में सुधार देखा, हालांकि उसे क्रमिक और साल-दर-साल आधार पर अपने सब्सक्राइब की संख्या में कमी का सामना करना पड़ा. विशेष रूप से ब्याज और वित्त लागत लगभग 27 प्रतिशत बढ़कर 6,247.8 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 4,907.8 करोड़ रुपये थी.