Success Story: जिस ऑनलाइन फ्रॉड का हुए शिकार उसी ने बजाई दिमाग की घंटी, आज ₹3 लाख महीने कमाई!

Success Story: जिस ऑनलाइन फ्रॉड का हुए शिकार उसी ने बजाई दिमाग की घंटी, आज ₹3 लाख महीने कमाई!

आज हम आपको ऐसे शख्‍स से मिलाते हैं जो साइबर क्राइम का शिकार हुए। इस फ्रॉड ने उन्‍हें गहरा झटका दिया। इससे उबरकर उन्‍होंने ग्‍लोबल सिक्‍योरिटी काउंलिस डॉट कॉम की स्‍थापना की। उनका नाम राधाकृष्ण मूर्ति है। 

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Success Story: जिस ऑनलाइन फ्रॉड का हुए शिकार उसी ने बजाई दिमाग की घंटी, आज ₹3 लाख महीने कमाई!
आज हम राधाकृष्ण मूर्ति से मिलते हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी में एक भयानक अनुभव का सामना किया। वह साइबर क्राइम का शिकार हो गए। इसने उन्हें गहरा झटका दिया। इस घटना ने उन्हें झकझोर डाला और उन्होंने ठान लिया कि वह दूसरों को ऐसी ठगी से बचाएंगे। इस हादसे से उबरने के बाद राधाकृष्ण ने ग्लोबल सिक्योरिटी काउंसिल डॉट कॉम की स्थापना की। यह एक ऐसा मंच है जो लोगों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करता है और उन्हें ऑनलाइन ठगी से बचाने में मदद करता है। यही नहीं, यह मंच 3 लाख रुपये महीने का रेवेन्‍यू जनरेट करता है।

इंस्‍टेंट लोन ऐप बना जंजाल

इंस्‍टेंट लोन ऐप बना जंजाल

राधाकृष्ण मूर्ति की साइबर अपराध का शिकार बनने की यात्रा तब शुरू हुई जब उनके एक दोस्‍त ने उन्‍हें इंस्‍टेंट लोन एप्‍लीकेशन के बारे में बताया। इसमें कुछ भी नुकसान लायक नहीं दिख रहा था। लेकिन, वह जल्द ही दुर्व्यवहार, उत्पीड़न और वित्तीय अराजकता से भरे बुरे सपने में बदल गया। लोन ऐप के निर्माताओं ने मूर्ति की व्यक्तिगत तस्‍वीरों के साथ छेड़छाड़ की। उन पर 'बलात्कारी', 'धोखेबाज' और 'अपहरणकर्ता' होने का आरोप लगाया।

उस एक फोन कॉल ने दी हिम्‍मत

उस एक फोन कॉल ने दी हिम्‍मत

मूर्ति का मानसिक स्वास्थ्य लगातार उत्पीड़न और सामाजिक अलगाव के कारण बहुत खराब हो गया। वह अकेला महसूस करने लगे। उन्‍हें इस पीड़ा से बचने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। जब मूर्ति निराशा के कगार पर थे तभी पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनार के एक अप्रत्याशित फोन ने उनमें आशा की किरण जगाई। मूर्ति ने उन्‍हें पूरा किस्‍सा सुनाया। पुलिस आयुक्‍त ने मूर्ति को सलाह दी और प्रेरित किया कि वह अपने व्यक्तिगत अनुभवों का इस्तेमाल दूसरों की मदद के लिए करें।

ग्लोबल सिक्योरिटी काउंसिल की नींव रखी

ग्लोबल सिक्योरिटी काउंसिल की नींव रखी

मूर्ति को एहसास हुआ कि अगर साइबर सुरक्षा के बारे में कुछ जानकारी रखने वाला उनके जैसा व्यक्ति भी इसका शिकार बन सकता है, तो स्कूल और कॉलेज जाने वाले युवा छात्रों का क्या होगा? यही सोचकर 2022 में मूर्ति ने एक निर्णायक कदम उठाया। उन्‍होंने ग्लोबल सिक्योरिटी काउंसिल की स्थापना की, जो साइबर अपराध के विनाशकारी प्रभावों से व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए केंद्रित संगठन है। मूर्ति के तकनीकी कौशल और दयालु दृष्टिकोण ने साइबर अपराध की इसी तरह की चालों से पीड़ित लोगों की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह फोन हैकिंग की जांच करने, दुर्भावनापूर्ण अनुमतियां हटाने और आईपी पतों के जरिये अपराधियों को ट्रैक करने में सहायता करते हैं।

₹3 लाख महीने का रेवेन्‍यू

₹3 लाख महीने का रेवेन्‍यू

अपनी स्थापना के बाद से संगठन ने साइबर धोखाधड़ी और उत्पीड़न के 75 पीड़ितों को बचाया और उनका समर्थन किया है। संगठन के प्रयासों से उसे रेवेन्यू भी हासिल हुआ है। अब संगठन वित्तीय बीमा और सुरक्षा के लिए एक ऐप वॉल्ट विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वर्तमान में वॉल्ट 3 लाख रुपये का मासिक रेवेन्‍यू जेनरेट करता है।