Kudremukh National Park : कर्नाटक का यह पार्क पूरे साल करता है पर्यटकों का स्वागत

Kudremukh National Park : कर्नाटक का यह पार्क पूरे साल करता है पर्यटकों का स्वागत

कर्नाटक राज्य का कुद्रेमुख नैशनल पार्क एक ऐसा नैशनल पार्क है जो सालभर पर्यटकों का स्वागत करता है। यहां सुबह 6 बजे से लेकर शाम को 6 बजे तक घूमा जा सकता है। यह पार्क 600 किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है और यहां ऐसे वन्य जीव भी देखे जा सकते हैं, जो लुप्त होने की कगार पर हैं।

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कुद्रेमुख नैशनल पार्क भारत के कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान, कुद्रेमुख पहाड़ों के बीच में स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए लोकप्रिय है। इस नैशनल पार्क को वर्ष 1987 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था। यह नैशनल पार्क करीब 600 किलोमीटर के वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है और राज्य के सबसे अच्छी तरह से संरक्षित राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। आइए, इसकी खूबियों के बारे में जानते हैं और देखते हैं कि यहां घूमने, जानने और देखने के लिए क्या-क्या उपलब्ध है...

कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान प्राकृतिक सौंदर्य लबरेज है। यहां की ऊंची-ऊंची चोटियों पर वनस्पतियों और जीवों के ढेरों के साथ सुरम्य ट्रैकिंग मार्ग हैं, जो कि घास के मैदानों के साथ जुगलबंदी करते हुए दिखते हैं। यहां घूमने के लिए बहुत कुछ है, जिसमें वाइल्ड लाइफ और पश्चिम के उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन भी शामिल है। यहां आप प्रकृति और जीवों को नजदीक से महसूस कर सकते हैं।
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कुद्रेमुख पार्क में पसरी हरियाली

इस पार्क का नाम यहां की स्थानीय भाषा से लिया गया है। कुद्रेमुख का अर्थ होता है, घोड़े के चेहरे की तरह दिखने वाला। इस पार्क में सबसे ऊंची पर्वत चोटी दूर से देखने पर घोड़े की तरह दिखती है इसलिए इसका नाम कुद्रेमुख रखा गया। यह पर्वत 1,894 मीटर (6,214 फीट) ऊंचा है और इसकी चोटी कर्नाटक में दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। इस पार्क में आपको वन्य जीवों की ऐसी प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी, जो देश के दूसरे हिस्सों से लगभग विलुप्त हो चुकी हैं।
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कुद्रेमुख पार्क में कैंपिंग का लुत्फ

शुरुआत में इस पार्क को एक महत्वपूर्ण लौह-अयस्क खनन शहर के रूप में विकसित किया गया था लेकिन पर्यावरण विशेषज्ञों और संरक्षणवादियों ने खनन के कारण पर्यावरण पर पड़नेवाले प्रतिकूल प्रभावों के खिलाफ सफलतापूर्वक अभियान चलाया, इसी का परिणाम है कि आज यह पार्क प्रमुख वाइल्ड लाइफ सेंचुरीज़ में एक है। कुद्रेमुख और इसका हरा-भरा परिवेश अब प्रकृति और वन्यजीव प्रेमियों का स्वर्ग है, जो आपको कर्नाटक के पश्चिमी घाटों का बेहतरीन विस्तार दिखाता है। अगर आपको वाइल्ड लाइफ को नजदीक से देखना और समझना है तो यहां जरूर जाएं।

कैसे जाएं?
अगर आप कुद्रेमुख की सैर पर जाना चाहते हैं और ट्रेन से यात्रा करनेवाले हैं तो आपको मंगलौर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा। यहां से कुद्रेमुख की दूरी करीब 100 किलोमीटर है। यहां से आप लोकल ट्रैवलिंग सुविधाओं जैसे बस या प्राइवेट टैक्सी का प्रयोग करके कुद्रेमुख नैशनल पार्क जा सकते हैं। अगर आप बाई रोड यहां जाना चाहते हैं तो यह कर्नाटक के मुख्य शहरों से आप आसानी से सड़क मार्ग द्वारा यहां पहुंच सकते हैं।
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कुद्रेमुख पार्क में झील का नजारा

टिकट फीस और टाइमिंग
कुद्रेमुख नैशनल पार्क पूरे साल पर्यटकों का स्वागत करता है। इसलिए आप सालभर किसी भी महीने में यहां घूमने आ सकते हैं। इस पार्क में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक घूमा जा सकता है। इस पार्क में जाने के लिए आपको प्रतिव्यक्ति 200 रुपए का टिकट लेना होता है। यह फीस भारतीय पर्यटकों के लिए है। जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए एंट्री फीस 1 हजार रुपए प्रतिव्यक्ति है।