स्वर्ण मंदिर से लेकर जलियांवाला बाग तक, जानें और क्या-क्या देख सकते हैं आप 2 दिन के अमृतसर ट्रिप में

स्वर्ण मंदिर से लेकर जलियांवाला बाग तक, जानें और क्या-क्या देख सकते हैं आप 2 दिन के अमृतसर ट्रिप में

अमृतसर एक बेहद ही खूबसूरत शहर, जो अपनी सांस्कृतिक विरासत, धर्म और व्यंजनों के लिए जाना जाता है। लेकिन अमृतसर अपने प्रमुख आकर्षणों के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है - एक शानदार स्वर्ण मंदिर और दूसरा ऐतिहासिक जलियांवाला बाग।

amritsar itinerary for 2 days in hindi
स्वर्ण मंदिर से लेकर जलियांवाला बाग तक, जानें और क्या-क्या देख सकते हैं आप 2 दिन के अमृतसर ट्रिप में
अमृतसर एक बेहद ही खूबसूरत शहर, जो अपनी सांस्कृतिक विरासत, धर्म और व्यंजनों के लिए जाना जाता है। लेकिन अमृतसर अपने प्रमुख आकर्षणों के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है - एक शानदार स्वर्ण मंदिर और दूसरा ऐतिहासिक जलियांवाला बाग। अमृतसर के इस 2 दिन के ट्रिप में आप पंजाबी जीवनशैली में खो सकते हैं, स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते है, भंगड़ा की थाप पर नाच सकते हैं, बाजारों में खरीदारी कर सकते है और भी बहुत कुछ इन दो दिनों में कर सकते हैं। चलिए आपको इस लेख में अमृतसर के दो दिन के यात्रा कार्यक्रम की जानकारी देते हैं -

अमृतसर में पहला दिन - One Day Trip in Amritsar in Hindi

अमृतसर में पहला दिन - One Day Trip in Amritsar  in Hindi

सुबह 7:30 बजे से 9:30 बजे अमृतसर में अपने पहले दिन की शुरुआत स्वर्ण मंदिर जिसे हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है, पर जाकर शुरू करें। गोल्डन टेम्पल दुनिया में सबसे प्रसिद्ध गुरुद्वारों में से एक है, जो न केवल देसी पर्यटकों बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी सबसे ज्यादा आकर्षित करता है। गर्भगृह के बाहरी भाग को सोने की परत से सजाया गया है, आंतरिक दीवारों में उत्तम मीनाकारी और कांच का काम किया गया है। गुरूद्वारे में आप सुबह 4 बजे से रात के 11 बजे के बीच किसी भी समय जा सकते हैं। कुछ समय बिताने के बाद आप यहां लंगर का भी मजा ले सकते हैं।

सुबह 9:30 से 1 बजे के बीच जलियांवाला बाग जाएं -

सुबह 9:30 से 1 बजे के बीच जलियांवाला बाग जाएं -

जलियांवाला बाग भारत के इतिहास में अंग्रजों के एक क्रूर कांड के लिए जाना जाता है। क्रांतिकारी और बलिदानी वीरों का यह तीर्थ स्थल स्वर्ण मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। अंग्रजों ने यहां निहत्थे लोगों पर गोलियां चलवाईं थी, जिसमें हजारों की संख्या में निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। यहां आज भी उन बलिदानियों की यादें ताजा हैं। अगर आप अमृतसर जा रहे हैं तो यहां जरूर जाएं। जलियांवाला बाग के पास देखने लायक जगह - अकाल तख्ती, दुख भंजनी बेरी,, बेरी बाबा बुद्ध जी, गुरुद्वारा बाबा अटल राय, हर की पौड़ी।

1:15 बजे से दोपहर 2:15 बजे के बीच दुर्गियाना मंदिर के दर्शन

1:15 बजे से दोपहर 2:15 बजे के बीच दुर्गियाना मंदिर के दर्शन

दुर्गियाना मंदिर अमृतसर के शीर्ष हिंदू मंदिरों में से एक है जो शहर की धार्मिक विरासत की झलक पेश करता है। एक झील के बीच में स्थित, मंदिर की आश्चर्यजनक वास्तुकला स्वर्ण मंदिर के समान है। देवी दुर्गा को समर्पित 16वीं सदी के इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में आप सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे के बीच दर्शन कर सकते हैं।

3:30 बजे से शाम 6:30 बजे वाघा बॉर्डर -

3:30 बजे से शाम 6:30 बजे वाघा बॉर्डर -

भारत के अमृतसर और पाकिस्तान के लाहौर के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित एक गांव है वाघा, जहां से दोनों देशों की सीमा गुजरती है। भारत और पाकिस्तान के बीच थल-मार्ग से सीमा पार करने का यह निर्धारित स्थान है। अमृतसर से वाघा बॉर्डर की दूरी करीब 27 किलोमीटर है। इस बॉर्डर को नियमित रूप से पर्यटकों के लिए खोला जाता है। यहां होनेवाली बीटिंग रिट्रीट को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इस दौरान आप सैन्य परेड सहित सुरक्षा से जुड़े कई कार्यक्रम देख सकते हैं। गर्मियों में सेरेमनी 5:15 बजे होती है और सर्दियों में 4:15 बजे होती है।

अमृतसर में दूसरा दिन - Two Day Trip in Amritsar in Hindi

अमृतसर में दूसरा दिन - Two Day Trip in Amritsar in Hindi

सुबह 10.00 बजे से सुबह 11.30 बजे: महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय

अपने दूसरे दिन की शुरुआत महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय की यात्रा के साथ करें, जो अमृतसर में एक शीर्ष पर्यटक आकर्षण है। इस म्यूजियम में महाराजा रंजीत सिंह की बहादुरी और शौर्य से भरपूर गतिविधियों को दिखाया गया है। साथ ही उन्होंने अपने दुश्मनों से जो प्रसिद्ध लड़ाईयां लड़ी उससे संबंधित चीजें भी रखी हुई हैं। म्यूजियम सोमवार के दिन बंद रहता है और गर्मियों में सुबह 9बजे से शाम 6बजे और सर्दियों में सुबह 9बजे से शाम 7 बजे तक खुलता है।

दोपहर 12:00 बजे से 2:30 बजे के बीच गोबिंदगढ़ फोर्ट एक्सप्लोर करें

दोपहर 12:00 बजे से 2:30 बजे के बीच गोबिंदगढ़ फोर्ट एक्सप्लोर करें

अमृतसर शहर के बीचोंबीच स्थित है गोबिंदगढ़ किला। यह एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसका निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ। महाराज रणजीत सिंह ने इस किले का नाम गुरु गोबिंद सिंह के नाम पर गोबिंदगढ़ रखा। इस किले का निर्माण ईंट और चूने से किया गया है और इसकी प्राचीर पर करीब 25 तोप लगी हुई हैं। कहा जाता है कि इस किले के खूनी दरवाजे के समीप एक भूमिगत सुरंग है, जो लाहौर तक जाती है। ये किला सुबह 10 बजे से रात के 10 बजे के बीच खुलता है। एंट्री फी भारतियों के लिए 25 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रुपए है।

सुबह 3 बजे से 4:30 बजे के बीच राम तीर्थ आश्रम

सुबह 3 बजे से 4:30 बजे के बीच राम तीर्थ आश्रम

माना जाता है कि श्री राम तीरथ आश्रम वह स्थान है जहां ऋषि वाल्मीकि ने सीता को आश्रय दिया था। ऐसा कहा जाता है कि बाद में उन्होंने अपने जुड़वां बेटों लव और कुश को इसी स्थान पर जन्म दिया। आश्रम को भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल के रूप में भी जाना जाता है, आश्रम का मुख्य आकर्षण 800 किलोग्राम वजनी वाल्मीकि की एक आश्चर्यजनक सोने की परत वाली मूर्ति है, जो लोगों को बेहद आकर्षित करती है। यहां आप सुबह 10 बजे से रात के 9 बजे के बीच कभी भी जा सकते हैं। इसके बाद अमृतसर के सबसे पुराने बाजार हॉल बाजार से आप कपड़ों की खरीदारी भी कर सकते हैं।