अगर इस दिन दिख जाए नीलकंठ
पक्षियों के सरताज नीलकंठ को देखना किसी सौभाग्य से कम नहीं है, अगर इसके दर्शन पूर्णिमा को हो जाएं तो समझिए कि आपका जैकपॉट लग गया यानी आपकी किस्मत खुलने वाली है।
पुराणों और शास्त्रों के अनुसार नीलकंठ बेहद शुभ और पवित्र पक्षी है। शिवभक्त् जानते हैं कि भगवान शिव का एक नाम नीलकंठ भी है। समुद्र मंथन के समय निकले भयंकर विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में उतार लिया जिससे उनका गला नीला पड गया, तब से भगवान शिव को नीलकंठ के नाम से पुकारा जाने लगा।
कहते हैं कि जब रावण को मारकर भगवान राम अयोध्या आए तो उनके सिर पर ब्रहम्ा हत्या का पाप चढ गया। ऐसे में श्रीराम ने लक्ष्मण के साथ मिलकर महादेव की आराधना की। कहते हैं कि शिव पूजा करने के बाद महादेव ने आकर ब्राह्मण हत्या का पाप खुद पर ले लिया और श्रीराम को पाप से मुक्त कराया। उसी पल भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रूप में धरती पर आए।
कई धार्मिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र आता है कि दशहरे या पूर्णिमा के दिन नीलकंठ को देखने से इंसान के भाग्य खुल जाते हैं और वह सभी प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है। कहते यह भी हैं कि नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का एक ही रूप है।