दुनिया की टॉप दवा कंपनियों में शामिल एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने भारत में 250 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की है। एस्ट्राजेनेका का इतिहास 100 साल से भी पुराना है लेकिन यह कोरोना काल में सुर्खियों में आई थी। कंपनी ने कोविशील्ड वैक्सीन विकसित की थी। भारत में कंपनी की सहयोगी एस्ट्राजेनेका इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (AZPIL) चेन्नई में अपने ग्लोबल इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी सेंटर के विस्तार पर 250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी का दावा है कि इससे 1300 लोगों को रोजगार मिलेगा। कंपनी के भारत में बिजनस को इसी महीने 45 साल पूरे होने जा रहे हैं।
AZPIL के एमडी और कंट्री प्रेजिडेंट डॉ. संजीव पंचाल ने कहा कि चेन्नई फैसिलिटी का विस्तार इस बात का प्रमाण है कि कंपनी साइंस और इनोवेशन के प्रति कितनी प्रतिबद्ध है। भारत प्रतिभाओं से भरा है और यहां का ईकोसिस्टम डिजिटल एडवांसमेंट्स के लिए भी काफी डायनैमिक है। यही कारण है कि भारत हमारे ग्लोबल ऑपरेशंस का हब है। अभी चेन्नई फैसलिटी 334,000 वर्ग फीट में फैली है और अगले छह महीने में इसमें करीब 180,000 वर्ग फीट स्पेस और जोड़ा जाएगा। इस तरह यह कंपनी का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर बन जाएगा। अभी कंपनी के देशभर में 4,000 से अधिक कर्मचारी हैं।
कंपनी का इतिहास
साल 1999 में स्वीडन की एस्ट्रा एबी और ब्रिटेन की जेनेका पीएलसी के मर्जर से एस्ट्राजेनेका का गठन हुआ था। एस्ट्रा एबी की स्थापना 1913 में स्वीडन में डॉक्टरों के एक ग्रुप ने की थी। जेनेका की शुरुआत 1926 में इम्पीरियल केमिकल इंडस्ट्रीज (ICI) के रूप में हुई थी। कई साल तक यह ब्रिटेन की टॉप दवा कंपनियों में शामिल रही। 1999 में इन दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद एस्ट्राजेनेका का जन्म हुआ। इसके बाद से इस कंपनी ने पिछले 25 साल में दुनियाभर में कई दवा कंपनियों का अधिग्रहण किया है। एस्ट्राजेनेका आज दुनिया की टॉप दवा कंपनियों में शामिल है। इसका मार्केट कैप 238.12 अरब डॉलर है और यह दुनिया की 46वीं बड़ी वैल्यूएबल कंपनी है। भारत की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज 252.19 अरब डॉलर के साथ इस लिस्ट में 43वें नंबर पर है।