सड़क हादसों में कमी लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र और टू-व्हीलर्स हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन की खास पहल

सड़क हादसों में कमी लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र और टू-व्हीलर्स हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन की खास पहल

भारत में हर साल हजारों लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है और इसमें ज्यादातर लोग वैसे होते हैं, जो टू-व्हीलर्स पर यो बिना हेलमेट के होते हैं या उनके सिर पर अच्छी क्वॉलिटी का हेलमेट नहीं होता। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र और टू-व्हीलर्स हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने रोड एक्सिडेंट्स को कम करने वास्ते हेलमेट फॉर होप नामक पहल पर काम किया है, जिसका क्या असर हुआ, आइए जानते हैं।

Helmet For Hope UN Rajeev Kapur MD Steelbird
Helmet For Hope UN Rajeev Kapur MD Steelbird: दुनियाभर में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को व्यापक स्तर पर कम करने के लिए एक बड़े कदम के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासचिव (यूएन-सेक्रेटरी जनरल) में सड़क सुरक्षा पर विशेष दूत जीन टॉड ने रोड सेफ्टी को लेकर लंबे समय से कार्यरत टू-व्हीलर्स हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट और स्टीलबर्ड हेलमेट्स के एमडी राजीव कपूर के साथ मिलकर एक खास पहल ‘हेलमेट्स फॉर होप’ पर काम किया है। इस पहल के काफी अच्छे और सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

प्रस्ताव में क्या कुछ खास?

हेलमेट्स फॉर होप के केंद्र में राजीव कपूर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के सड़क सुरक्षा के विशेष दूत को एक प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में हेलमेट के उपयोग में बढ़ोतरी के माध्यम से दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं में तेजी से और व्यापक स्तर पर कमी लाने के लिए महत्वपूर्ण कदमों की विस्तार से योजना दी गई है। यह प्रस्ताव सरकारों और उद्योगों के लिए स्टैंडर्डाइज्ड हेलमेट निर्माण, वितरण और इसे पहनना लागू करने वाली इन्फोर्समेंट एजेंसियों को बढ़ावा देने के लिए एक योजना का खाका प्रदान करता है।

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इस प्रस्ताव में कहा गया है कि उन कानूनों को अनिवार्य और लागू करने पर जोर देना है, जिनके तहत दोपहिया वाहन निर्माताओं को बेचे जाने वाले प्रत्येक वाहन के साथ कम से कम दो स्टैंडर्डाइज्ड, कम्पलाइंट वाले हेलमेट की आपूर्ति करनी होगी, जो कि एक राइडर और एक पीछे बैठे सवार के लिए है। सर्टिफाइड हेलमेट्स को ज्यादा आसानी से सुलभ और किफायती बनाने के लिए प्रस्ताव में करों और शुल्कों को कम करने की बात कही गई है। भारत में यह हेलमेट्स पर 18 पर्सेंट जीएसटी को घटाकर केवल 5-12 फीसदी करने की सिफारिश करता है। स्थानीय उत्पादन सुविधाओं के बिना देशों के लिए यह हेलमेट्स पर आयात शुल्क और स्थानीय करों को पूरी तरह से समाप्त करने का भी पक्षधर है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि केवल वास्तविक, उच्च गुणवत्ता वाले हेलमेट उपभोक्ताओं तक पहुंचें। हेलमेट स्टैंडर्ड्स को प्रमाणित करने और बाजार से नॉन-कम्पलाइंट, घटिया और नकली उत्पादों को खत्म करने के लिए गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से स्वतंत्र टेस्टिंग लैब्स स्थापित करने को लेकर भी प्रस्ताव में डिटेल जानकारी दी गई है। मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर दोपहिया वाहन सवारों द्वारा उपयोग किए जाने वाले 50 फीसदी से ज्यादा हेलमेट्स सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को पूरा नहीं करते हैं।

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निगमों को गुणवत्ता वाले हेलमेट प्रदान करने और सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड्स का एक हिस्सा आवंटित करने जैसे प्रोत्साहनों के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने की भी सिफारिश प्रस्ताव में की गई है। भारत के अनिवार्य कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी कानूनों जैसी सफल पहलों को वैश्विक स्तर पर दोहराने से हेलमेट प्रावधान कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण फंड्स मिल सकता है।

प्रस्ताव में यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है कि एमेजॉन, ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो, डेल्हीवरी और अन्य जैसे बड़े दोपहिया वाहन डिलीवरी बेड़े अपने सभी ड्राइवरों और सवारों को स्टैंडर्डाइज्ड हेलमेट खरीदें और प्रदान करें, जो वर्तमान में अक्सर घटिया हेडगियर का उपयोग करते हैं।

Rajeev Kapur MD Steelbird

राजीव कपूर ने कहीं खास बातें

राजीव कपूर ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सड़क सुरक्षा 2023 पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि हाई क्वॉलिटी वाले हेलमेट मौत के जोखिम को 6 गुना कम कर सकते हैं और मस्तिष्क की चोट के जोखिम को 74 फीसदी तक कम कर सकते हैं। इन चौंकाने वाले आंकड़ों के बावजूद, मोटरसाइकल दुर्घटनाओं में सिर की चोटें मौत का प्रमुख कारण बनी हुई हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि 147 देशों में से केवल 54 देशों में ही हेलमेट के उपयोग पर ऐसे कानून हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रक्रियाओं के अनुरूप हैं। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर, 47% मोटरसाइकिल चालक हेलमेट का सही तरीके से उपयोग नहीं करने की बात स्वीकार करते हैं। इन चिंताजनक आंकड़ों के मद्देनजर मैंने संयुक्त राष्ट्र को एक व्यापक रोडमैप प्रस्तावित किया है, ताकि दुनिया भर में स्टैंडर्डाइज्ड हेलमेट्स के उपयोग को अनिवार्य करके लाखों लोगों की जान बचाई जा सके।

संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव का स्वागत किया है और सदस्य देशों में इस को लागू करने का मूल्यांकन करने के लिए राजीव कपूर और उनकी टीम के साथ मिलकर काम कर रहा है। सिफारिशों को व्यापक रूप से अपनाने से आने वाले दशकों में संभावित रूप से करोड़ों लोगों की जान बच सकती है।

जीन टॉड ने कई अभियानों को लीड किया

आपको बता दें कि जीन टॉड के नेतृत्व में (2009-2021), एफआईए ने हेलमेट के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई अभियान शुरू किए, खासकर मोटरसाइकल और साइकल चालकों के बीच इस तरह के कई प्रयास शुरू किए गए हैं। 3500LIVES अभियान के तहत 2017-2021 के दौरान जीन टॉड ने हेलमेट के उपयोग को चोटों को रोकने और जीवन बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में बढ़ावा दिया। जीन टॉड ने एनजीओ, कॉर्पोरेट्स और स्थानीय संगठनों के साथ भागीदारी की और हेलमेट दान के साथ ही जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए। जीन टॉड का कहना है कि सड़क दुर्घटनाएं युवाओं की सबसे बड़ी कातिल बन चुकी हैं।