करवा चौथ व्रत विधि
कृष्ण चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत देश भर में मनाया जायेगा. हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए इस व्रत का विशेष महत्व है। कई संप्रदायों में कुवांरी कन्याएं भी अच्छे पति की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं। यहां जानें, कैसे करें यह व्रत -
व्रत विधि-
करवा चौथ का व्रत निर्जला व्रत होता है यानी पूरे दिन न कुछ खाते हैं और न ही पानी पीते हैं। शाम के समय भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा होती है। साथ ही करवा माता का पूजन किया जाता है। शाम को चांद देखकर अर्घ्य देते हैं और पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलते हैं।
शगुन -
इस दिन सुहाग की सभी चीजें घर की बड़ी महिलाओं को पूजा के बाद देते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
भोजन -
इस दिन भोजन में पूड़ी-सब्जी, खीर, फल और मिठाई से भगवान को भोग लगाकर पति की दीर्घायु की कामना की जाती है। बाद में इस भोजन को सास या घर की किसी बड़ी महिला को देते हैं। ऐसा संभव न हो सके तो इस भोजन को मंदिर में दे देना चाहिए।
क्या न करें -
आज के दिन पूरी तरह संतुष्ट और खुश रहें। किसी पर क्रोध न करें। किसी का दिल न दुखाएं। बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। सफेद चीजें दान में न दें। नुकीली और काटने वाली चीजें जैसे, कैंची, चाकू आदि के प्रयोग से बचें।