इन उपायों को अपनाने से आप भी लीवर की बीमारियों से निजात पा सकते हैं

इन उपायों को अपनाने से आप भी लीवर की बीमारियों से निजात पा सकते हैं

हमारे शरीर के प्रमुख अंगों में एक है लीवर यानी यकृत। यदि आपका लीवर ठीक प्रकार से काम नहीं कर पा रहा है तो सावधान हो जाइए क्योकि यह खतरे की घंटी है। लीवर की खराबी को को अनदेखा बिलकुल न करें। लीवर में खराबी होने से लीवर कैंसर, लीवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस (इसमें ए, बी, सी, डी, र्इ शामिल हैं), पीलिया की समस्यायें होती हैं।

अनियमित दिनचर्या और खानपान में लापरवाही ही लीवर की खराबी के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है। शराब का अधिक मात्रा में सेवन भी लीवर को नुकसान पहुंचाता है। खाने में तेल और मसाले का अधिक प्रयोग करना, फास्ट फूड का अधिक सेवन करने से लीवर कमजोर होता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप इसका रोकथाम कीजिए। इस लेख में जानिए कि कैसे लीवर बीमारी की रोकथाम की जाये।

शराब न पियें
लीवर की बीमारी सिरोसिस के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है शराब का सेवन, लेकिन ऐसा नहीं कि यह शराब नहीं पीने वालों को नहीं हो सकता है। लेकिन शराब पीने वालों को यह ज्यादा होता है। इंस्टीटयूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज द्वारा कराये गये शोध की मानें तो लीवर की बीमारी के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार शराब है।

खानपान पर ध्यान
लीवर को बीमार होने से बचाने के लिए जरूरी है खानपान में बदलाव करें। ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें विटामिन, फाइबर, प्रोटीन, मिनरल्स मौजूद हों। बाहर का खाना खाने से परहेज करें। ताजे फल और हरी सब्जियों को अपने डायट चार्ट में शामिल कीजिए। ज्यादा फैटी आहार का सेवन करने से बचें।

नियमित व्यायाम
एक्सरसाइज करके आप खुद को फिट तो रखते हैं साथ ही कई खतरनाक बीमारियों से भी शरीर को बचाते हैं। यदि आपकी दिनचर्या में व्यायाम शामिल है तो आपको लीवर की बीमारियां नहीं होंगी। यदि आप व्यायाम नहीं करते तो इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए और अपने लीवर को बीमारियों से बचाइए।

जांच करायें
आपको बीमारियां नहीं हो रही हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप पूरी तरह से फिट और स्वस्थ हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप नियमित जांच कराते रहें। नियमित जांच को उम्र से न जोड़ें, बीमारियां किसी भी उम्र में हो सकती हैं। इसलिए हर साल लीवर की स्क्रीनिंग जांच अवश्य करायें।

हेपेटाइटिस के टीके
हेपेटाइटिस लीवर से संबंधित बीमारी है, इससे बचाव के लिए जरूरी है इसके टीके लगवायें जायें। यदि आप अपने लीवर की बीमारियों की रोकथाम चाहते हैं तो हेपेटइाइटिस के टीके अवश्य लगवायें।

लीवर की बीमारी के लक्षण
यकृत को रोगों से जुड़े लक्षण आपको पता हों तो इस बीमारी की शुरूआती अवस्था में ही इलाज हो सकता है। इसके लक्षणों को बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। मुंह से बदबू आना, आंखों के नीचे काले घेरे, पाचन तंत्र में खराबी, त्वचा पर सफेद दाग, गहरे रंग का पेशाब, आंखों में पीलापन, स्वाद न मिलना, पेट में सूजन होने जैसे लक्षण लीवर के खराबी के कारण दिखाई देते हैं।
लीवर को बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है इसकी रोकथाम की जाये, ऐसे व्यसनों तो त्याग दीजिए जो आपके लीवर को कमजोर बनाते हैं। यदि आपको लीवर की बीमारियों के लक्षण दिखें तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।