श्री हरसिद्धि माता मंदिर |
मध्य प्रदेश के उज्जैन का प्रसिद्ध शक्तिपीठ हर सिद्धि माता मंदिर महाकाल ज्योतिर्लिंग मंदिर के पास ही स्तिथ है | यह 51 शक्तिपीठो में से एक है और इस मंदिर को हर सिद्धि माता के नाम से भी जाना जाता है | इस मंदिर में माँ काली की मूरत के दाये बांये माँ लक्ष्मी और देवी सरस्वती की मुर्तिया है | महा काली की मूरत गहरे लाल रंग में रंगी हुई है | माँ का श्री यन्त्र भी मंदिर परिसर में लगा हुआ है |
कहा जाता है है सती माँ का बांया हाथ या उपरी होठ या दोनों इस जगह गिरे थे और इस शक्ति पीठ की स्थापना हुई थी | इसी जगह महान कवी कालीदास ने माँ के प्रशंसा में काव्य रचना की थी |
यह माता राजा विक्रमादित्य की आराध्य देवी थी | कहा जाता है की राजा विक्रमादित्य ने अपना 11 बार शीश दान माँ के सामने किया और हर बार माँ ने फिर से उनके शीश को जोड़ दिया । |
![]() |
कैसे पहुंचे ओम्कारेश्वर । यह मंदिर शिप्रा मंदिर के किनारे भेरूगढ़ में स्तिथ है | इंदौर से यह जगह 50 किमी की दूरी पर है | हवाई यात्रा से : नजदिकी हवाई अड़डा इंदौर रेल यात्रा से : उज्जैन भारत के मुख्य शहरो से अच्छी तरह रेल मार्ग से जुडा हुआ है | रुखने के लिए इस जगह बहूत सारी धर्मशालाये और होटल मौजुद है | |
आरती समय | |
भस्म आरती |
04:00 से 06:00 |
नैवद्य आरती |
7:30 से 8:15 |
महा भोग आरती |
10:30 से 11:15 |
संध्या आरती |
06:30 से 07:15 |
शयन आरती |
10:30 |