मनु स्मृति- ये है काम और क्रोध से जुडी बुरी आदतें, इनसे रहना चाहिए बच कर
कोई भी इंसान कितना भी बुद्धिमान क्यों न हो, उसकी कुछ न कुछ बुरी आदतें जरूर होती हैं। यही बुरी आदतें उसके पतन का कारण बनती हैं। आज हम आपको मनु स्मृति में बताई गई कुछ बुरी आदतों के बारे में बता रहे हैं। मनु स्मृति के अनुसार काम से संबंधित 10 तथा क्रोध से संबधित 18 बुरी आदतें होती हैं-
श्लोक
व्यसनानि दुरंतानि प्रयत्नेन विवर्जयेत्।।
अर्थ- काम वासना से पैदा होने वाले 10 तथा क्रोध से पैदा होने वाले 8, अर्थात् कुल 18 व्यसनों पर विजय पाना तथा उनसे मुक्त रहने का प्रयास करना चाहिए।
श्लोक
तौर्यत्रिकं वृथाद्या च कामजो दशको गणः।।
अर्थ- काम के कारण जन्म लेने वाली 10 बुरी आदतें हैं- 1. शिकार खेलना, 2. जुआ खेलना, 3. दिन में अर्धनिद्रित रहते हुए कपोल कल्पनाएं करना, 4. परनिंदा करना, 5. स्त्रियोंं के साथ रहना, 6. शराब पीना, 7. नाचना, 8. श्रृंगारिक कविताएं, गीत आदि गाना, 9. बाजा बजाना, 10. बिना किसी उद्देश्य के घूमना।
श्लोक
वाग्दण्डजं च पारुष्यं क्रोधजोपिगणोष्टकः।।
अर्थ- क्रोध से पैदा होने वाली 8 बुरी आदतें हैं- 1. चुगली करना, 2. साहस, 3. द्रोह, 4. ईर्ष्या करना, 5. दूसरों में दोष देखना, 6. दूसरों के धन को छीन लेना, 7. गालियां देना, 8. दूसरों से बुरा व्यवहार करना।
1. शिकार खेलना
जो लोग काम वासना से ग्रसित होते हैं, शिकार खेलना उनकी एक बुरी आदत होती है। इसके कारण कई बार मनुष्य को अनेक कष्ट उठाने पड़ सकते हैं।
2. जुआ खेलना
जुआ खेलने से एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संपूर्ण परिवार नष्ट हो सकता है। यह एक सामाजिक बुराई है। अतः इससे बचकर रहने में ही भलाई है।
3. दिन में सोते हुए कपोल कल्पनाएं करना
काम वासना से ग्रसित लोग दिन में सोते हुए कुछ भी सोचा करते हैं। इनकी कल्पनाएं भी वासना से लिप्त रहती हैं व स्वयं के हित से जुड़ी होती हैं। ऐसे लोग जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाते। इसलिए इस बुरी आदत से बचना चाहिए।
4. परनिंदा करना
परनिंदा यानी दूसरों की बुराई करना। कुछ लोगों की आदत होती है कि वे हमेशा दूसरों लोगों की बुराई करते रहते हैं। ऐसे लोग यदि आपके सामने दूसरों की बुराई करते हैं तो यह समझना चाहिए कि दूसरों के सामने वह आपकी भी बुराई अवश्य करते होंगे।
5. स्त्रियों के साथ रहना
अनेक स्त्रियों के साथ रहना भी काम वासना से जुड़ी एक बुरी आदत है। इसके कारण शरीर, यश, कीर्ति आदि सभी नष्ट हो जाता है। व्यक्ति को परिवार व समाज में भी बुरी नजर से देखा जाता है।
6. शराब पीना
शराब पीने से व्यक्ति दुःसाहसी हो जाता है। उसे अपने-पराए, भले-बुरे का भान नहीं रहता। ऐसी अवस्था में वह कुछ ऐसे काम भी कर जाता है जिससे परिवार व समाज में उसे अपयश मिलता है। कई बार उसका परिवार भी नष्ट हो जाता है।
7. नाचना
बेमतलब नाचना भी काम वासना से जुड़ी एक बुरी आदत है। जो मनुष्य इस आदत का शिकार होता है, उसे समाज में अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे लोगों को समाज से दूर ही रखा जाता है। हालांकि वर्तमान समय में इसे बुरा नहीं माना जाता बल्कि इसे एक कला के रूप में देखा जाता है।
8. बाजा बजाना
बिना किसी विशेष उद्देश्य के वाद्य यंत्र बजाना भी काम से जुड़ी बुरी आदत है परंतु वर्तमान समय में इसे बुरा नहीं माना जाता।
9. श्रृंगारिक कविताएं, गीत आदि गाना
पारिवारिक जिम्मेदारी छोड़कर श्रृंगार रस की कविताएं लिखना व गाना भी काम से जुड़ी बुरी आदत मानी गई है। पुराने समय में ऐसे व्यक्ति को भी समाज में स्थान नहीं मिलता था, लेकिन वर्तमान समय में इसे बुरा नहीं माना जाता।
10. बिना किसी उद्देश्य के घूमना
बिना किसी काम के दिन-भर इधर-उधर भटकते रहना भी एक बुरी आदत है। ऐसे लोग न तो परिवार के काम आते हैं और न ही समाज के। इनके जीवन का कोई लक्ष्य भी निर्धारित नहीं होता।
क्रोध से उत्पन्न होने वाली 8 बुरी आदतें इस प्रकार हैं
1. चुगली करना
मनु स्मृति के अनुसार चुगली करना क्रोध से उत्पन्न 8 बुरी आदतों में से एक मानी गई है। चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है।
2. साहस
साहसी होना अच्छी बात है, लेकिन कुछ लोग क्रोध में आकर दुःसाहसी हो जाते हैं और ये ऐसा काम कर जाते हैं, जिसकी इनसे उम्मीद नहीं की जा सकती। ऐसे लोग कई बार अन्य लोगों के गुस्से का शिकार भी हो सकते हैं।
3. द्रोह
क्रोध में आकर बिना कुछ सोचे-समझे द्रोह करना यानी विरोध करना भी एक बुरी आदत है। बाद में स्थिति सामान्य होने पर आपको स्वयं पर शर्मिंदा भी होना पड़ सकता है।
4. ईर्ष्या करना
कुछ लोगों की आदत होती है दूसरों से ईर्ष्या करने की। ऐसे लोग दूसरों की तरक्की देखकर जलते हैं और उन्हें हमेशा भला-बुरा कहते हैं। ऐसे लोगों को जीवन में कभी संतोष नहीं मिलता।
5. गालियां देना
गाली देकर बात करने वाले लोगों को सभ्य नहीं माना जाता। ये भी क्रोध से उत्पन्न होने वाली एक बुराई ही है। क्रोध में आकर किसी को गाली देते समय व्यक्ति अपने आपे में नहीं रहता और बड़े बूढ़ों का लिहाज भी नहीं करता। इसलिए ऐसी स्थिति से बचना चाहिए।
6. दूसरों में दोष देखना
कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें अन्य लोगों में सिर्फ दोष ही नजर आते हैं। ऐसे लोग सामाजिक नहीं कहे जाते। लोग इनके साथ घुलना-मिलना पसंद नहीं करते। ऐसे लोग को परिवार व समाज में भी उचित स्थान नहीं मिलता। अतः इस बुरी आदत से बचना चाहिए।
7. दूसरों के धन को छीन लेना
जो लोग दूसरों के धन को बलपूर्वक छिन लेते हैं, वे सभी की निंदा के पात्र होते हैं। ऐसे लोग निजी हित के लिए अपनों का नुकसान करने से भी नहीं चूकते। इसलिए इन लोगों से कोई मेल-जोल नहीं बढ़ाता। सभी बच कर रहने की कोशिश करते हैं।
8.व्यवहार करना
कुछ लोगों का स्वभाव बहुत ही बुरा होता है। ऐसे लोग दूसरों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं। वे अपने-पराए में भेद नहीं कर पाते। इसलिए परिवार व समाज में इन्हें उचित स्थान नहीं मिलता।