पीपल के पत्ते के 14 फायदे, उपयोग और नुकसान
पीपल का पेड़ अपने विशाल आकार और घनी छाया के लिए जाना जाता है। हवा चलने पर इसकी पत्तियों से तालियों के बजने जैसी आवाज आती है, लेकिन इन्हीं पीपल की पत्तियों के स्वास्थ्य संबंधी कई ऐसे फायदे हैं, जो आपको स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं। पीपल का वैज्ञानिक नाम फिकस रेलिगिओसा होता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख के जरिए आपको पीपल के पत्ते के उपयोग से लेकर पीपल के पत्ते के फायदे और पीपल के पत्ते के नुकसान के बारे में जानकारी दी जा रही है।
अस्थमा में
यह सांस की समस्या से जुड़ी परेशानी होती है, जिसमें फेफड़ों के रास्ते में सूजन और कसाव उत्पन्न हो जाता है। इससे गले में घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी होती है। अस्थमा की समस्या में पीपल के पत्ते के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि पीपल के पत्ते के अर्क में ऐसे विशेष गुण पाए जाते हैं, जो ब्रोंकोस्पास्म (bronchospasm – अस्थमा की एक स्थिति) पर प्रभावी असर दिखा सकता है। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया है कि पीपल के पत्ते और फल में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो अस्थमा को ठीक करने में मददगार साबित हो सकते हैं। अस्थमा के इलाज के लिए पीपल के पत्ते का जूस और इसके फल का चूर्ण लेने की सलाह दी जाती है ।
पेट दर्द में
आपने अपने पेट में दर्द का अनुभव कभी न कभी जरूर किया होगा, लेकिन अगर आपके आसपास पीपल का पेड़ है, तो अगली बार आप इस समस्या से नहीं जूझेंगे। एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह देखा गया है कि पीपल के पत्ते में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (analgesic – दर्द निवारक गुण) गुण पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार के दर्द और सूजन की समस्या को ठीक कर सकते हैं। एक अन्य वैज्ञानिक में यह देखा गया है कि पीपल का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में पेट दर्द की दवा बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है ।
फटी हुई एड़ियों के लिए
आपने कभी न कभी अपने किसी करीबी या परिवार के सदस्यों में फटी हुई एड़ियों की समस्या जरूर देखी होगी। इस समस्या में पीपल का फायदा देखा जा सकता है। फटी एड़ियों के लिए आप पीपल की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं । दरअसल, पीपल की छाल में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जिस कारण इसे फूट क्रीम (पैरों के लिए) को तैयार करने में भी इस्तेमाल किया जाता है ।
डायरिया की समस्या में
डायरिया की स्थिति में इंसान बहुत थका हुआ महसूस करने लगता है, क्योंकि डायरिया में पतले दस्त होने लगते हैं। दिनभर में तीन या अधिक बार दस्त होना डायरिया के लक्षण माने जाते हैं। इस समस्या से उबरने के लिए आप पीपल की छाल का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि पीपल की छाल में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। अगर इसकी छाल से निकलने वाले अर्क का सेवन किया जाए, तो यह डायरिया की समस्या को प्रभावी रूप से ठीक कर सकता है ।
दांतों के लिए
पीपल के लाभ दांतों के लिए भी उपयोग में लाए जा सकते हैं। पीपल के पत्तों से बने हुए तेल में स्टेरॉयड, फ्लेवोनोइड्स, और एल्कलॉइड्स (Steroids, flavonoids, alkaloids) बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं। एक वैज्ञानिक शोध में देखा गया है कि बायोएक्टिव यौगिक न केवल दांतों को सफेद करने का गुण रखते हैं, बल्कि यह मुंह की दुर्गंध व मसूड़ों की एलर्जी को भी सुधारने का काम कर सकते हैं ।
हृदय स्वास्थ्य के लिए
हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए भी पीपल के लाभ प्रयोग किए जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, अगर पीपल का पत्ता रात भर भिगोकर रखा जाए और अगले दिन अर्क का सेवन तीन बार किया जाए, तो हृदय से जुड़ी समस्याओं को कम किया जा सकता है । इसके अतिरिक्त पीपल ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और सूजन को भी कम करता है साथ ही इसमें कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण (हृदय रोगों से सुरक्षा प्रदान करने का गुण) भी पाया जाता है ।
लीवर के लिए
कुछ दवाओं के सेवन से कभी-कभी लीवर को हानि पहुंच सकती है। ऐसे में लीवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पीपल पर भरोसा किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि पीपल में हेपोप्रोटेक्टिव क्रिया (लीवर को डैमेज होने से बचाने वाली एक क्रिया) पाई जाती है। एक अन्य वैज्ञानिक रिपोर्ट में भी बताया गया है कि अर्क का उपयोग करने से लीवर को खराब होने से बचाया जा सकता है ।
रक्त को शुद्ध करने में
रक्त शुद्धीकरण करने के लिए पीपल के लाभ आपकी मदद कर सकते हैं। आयुर्वेद में पीपल की पत्तियों को रक्त की अशुद्धता को दूर करके, त्वचा रोग को ठीक करने के लिए लिए इस्तेमाल किया जाता है। पीपल की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं और एक वैज्ञानिक शोध के आधार पर यह भी बताया गया कि पीपल की पत्तियों के अर्क को पीने से रक्त शुद्ध हो सकता है ।
इनफर्टिलिटी और इम्पोटेंस
इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है, जब कोई महिला कई प्रयासों के बाद भी गर्भधारण नहीं कर पाती है । वहीं, पीपल में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (immunomodulatory) गुण होता है । एक वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर यह बताया गया है कि इम्यूनोथेरिपी (immunotherapy) के जरिए प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है । एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि पीपल से निकलने वाले लेटेक्स (वानस्पतिक दूध) में नेफ्रोपेक्टिव (nephroprotective) और उपचारात्मक (curative ) गुण पाए जाते हैं, जो इरेक्टापइल डिस्फंलक्शसन के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं । इरेक्टा इल डिस्फंाक्शान यानी इम्पोटेंस में पुरुष की यौन क्षमता प्रभावित होती है।
पीलिया
आंखों और त्वचा पर पीलेपन को पीलिया का लक्षण माना जाता है । पीपल का औषधीय गुण पीलिया जैसी बीमारी को भी खत्म कर सकता है। विशेषज्ञों के द्वारा जारी किए गए एक शोध के अनुसार, पीपल की पत्तियों में फ्लेवोनॉइड (Flavonoid), स्टेरोल्स (sterols) जैसे बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं। अगर पीपल की दो से तीन पत्तियों को दिन में दो बार पानी और चीनी के साथ सेवन किया जाए, तो पीलिया की समस्या में लाभ हो सकता है ।
पीपल के पत्ते का उपयोग
पीपल के पत्ते को निम्न प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है।
- पीपल के पत्ते का जूस बनाकर पीने में उपयोग किया जा सकता है।
- पीपल के पत्ते का अर्क कई समस्याओं के इलाज के तौर पर उपयोग किया जा सकता है।
- पीपल के पत्ते को पीसकर दांतों के लिए पेस्ट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- त्वचा पर पीपल के पत्तों का पेस्ट बनाकर रखा जा सकता है।
- पीपल की पत्तियों को नीम की पत्तियों की तरह कच्चा भी चबाया जा सकता है।
कब करें इस्तेमाल :
पीपल की पत्तियों को ज्यादातर सुबह इस्तेमाल में लिया जा सकता है। इसके सेवन से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। कितना करें इस्तेमाल : कच्चा चबाने के लिए पीपल की केवल 2-3 पत्तियां ही लें और जूस के रूप में इसे केवल एक छोटे गिलास की मात्रा में ही पिएं। एक हफ्ते में इसके सेवन को दोहराने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। लेख के इस भाग में आपको पीपल के पत्ते के नुकसान के बारे में भी बताया जा रहा है।
पीपल के पत्ते के नुकसान –
पीपल के पत्ते के नुकसान निम्न प्रकार से हो सकते हैं।
- पीपल पत्ते के अधिक सेवन करने से इसका कड़वा स्वाद आपको उल्टी करवा सकता है।
- पीपल के पत्ते में कैल्शियम होता है। इसका अधिक सेवन करने से प्रोस्टेट कैंसर और हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है ।
- पीपल की पत्ती में फाइबर की मात्रा पाई जाती है और अनिश्चिचित मात्रा में किया गया उपयोग पेट में गैस, दर्द और मरोड़ की समस्या उत्पन्न कर सकता है ।