नारियल तेल के फायदे और नुकसान

नारियल तेल के फायदे और नुकसान

नारियल तेल का उपयोग वजन घटाने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, नारियल के तेल में मीडियम चेन फैटी एसिड (एमसीएफए) जैसे लॉरिक एसिड, कैप्रेटेलिक एसिड और कैपरिक एसिड होते हैं। यह एमसीटी वजन कम करने वाली डाइट का एक मुख्य हिस्सा माना जाता है । इसी आधार में माना जाता है कि वजन घटाने में नारियल तेल मदद कर सकता है।

पाचन स्वास्थ्य के लिए कोकोनट ऑयल के फायदे
नारियल तेल के फायदे में पाचन स्वास्थ्य में सुधार भी शामिल है। दरअसल, नारियल तेल को हेल्दी ऑयल माना जाता है, जो पाचन को बेहतर करने में मददगार हो सकता है । बताया गया है कि नारियल तेल का उपयोग खाना पकाने में किया जाए, तो यह पाचन तंत्र को बेहतर कर सकता है। इससे पाचन तंत्र ही सही नहीं होता बल्कि इर्रिटेबल बॉवल सिंड्रोम (कब्ज, डायरिया, गैस आदि) से जुड़ी समस्या को भी कम करने में सहायक हो सकता है ।

दौरा रोकने में नारियल तेल के लाभ
नारियल तेल दौरों को रोकने में भी मदद कर सकता है। जी हां, नारियल में एंटीकॉन्वुल्सेंट गुण होते हैं। यह एक तरह से मिर्गी के दौरे के ड्रग के रूप में कार्य करता है। इसी वजह से माना जाता है कि नारियल तेल से दौरे की समस्या में कुछ हद तक लाभ मिल सकता है । इसके अलावा, नारियल तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव और मीडियम चैन फैटी एसिड मिर्गी की समस्या को कम करने में सहायक हो सकते हैं ।

डायबिटीज में कोकोनट ऑयल के फायदे
नारियल तेल खाने के फायदे में मधुमेह भी शामिल है। दरअसल, मधुमेह को नियंत्रित करने में डाइट का बहुत बड़ा योगदान होता है । एक रिसर्च में कहा गया है कि वर्जिन कोकोनट ऑयल में डायबिटीज कंट्रोल करने की क्षमता होती है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन करना नुकसानदायक भी हो सकता है । एक अन्य शोध में कहा गया है कि वर्जिन नारियल तेल में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड रक्त में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा को कम कर सकते हैं। साथ ही नारियल तेल से खराब कोलेस्ट्रॉल कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है। इसी वजह से वर्जिन कोकोनट ऑयल को लेकर क्लिनिकल ट्रायल करने की सिफारिश की गई है ।

हृदय स्वास्थ्य के लिए
हृदय को स्वस्थ रखने में भी कोकोनट ऑयल मदद कर सकता है। दरअसल, नारियल तेल में पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो हृदय रोगों का खतरा कई गुना तक कम कर सकते हैं । हालांकि, इस विषय में अधिक शोध करने की भी बात कही गई है। हार्ट पेशेंट सीमित मात्रा में नारियल तेल को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। अधिक मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

अल्जाइमर में नारियल तेल के लाभ
नारियल तेल से अल्जाइमर का घरेलू इलाज किया जा सकता है। इसकी वजह है नारियल तेल में मौजूद सैचुरेटेड फैट। हालांकि इसे लेकर अभी तक कोई वैज्ञानिक पुष्टि तो नहीं हुई है। एक शोध की मानें तो नारियल तेल याददाश्त को बढ़ाने में भी सहायक हो सकता है ।

इम्यूनिटी के लिए नारियल तेल खाने के फायदे
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी नारियल तेल मदद कर सकता है। एक रिसर्च में कहा गया है कि नारियल तेल में कैप्रिक एसिड, लॉरिक एसिड और कैप्रेलिक एसिड होते हैं। इन एसिड में एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि होती हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को रोगों से लड़ने में मदद कर सकती हैं । एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि वर्जिन कोकोनट ऑयल एस.ऑरियस बैक्टीरिया को बढ़ने से रोक सकता है। साथ ही फागोसाइटिक प्रतिरक्षा कोशिकाओं (शरीर को बैक्टीरिया और हानिकारक बाहरी तत्वों से बचाने वाली कोशिकाएं) की क्षमता में वृद्धि करने में मदद करता है। इसी वजह से नारियल तेल में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव पाए जाते हैं ।

डेंटल हेल्थ
नारियल के तेल का उपयोग ऑयल पुलिंग के लिए किया जा सकता है, जिससे प्लाक को बनने से रोका जा सकता है। साथ ही यह प्लाक की वजह से होने वाली मसूड़ों की सूजन को कम करने में प्रभावी हो सकता है। दरअसल, नारियल तेल में लॉरिक एसिड होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव को प्रदर्शित करता है। इसी वजह से नारियल तेल को डेंटल हेल्थ के लिए अच्छा माना जा जा सकता है ।

हड्डी स्वास्थ्य के लिए कोकोनट ऑयल के फायदे
हड्डियों को स्वस्थ रखने और उन्हें मजबूत बनाने में नारियल तेल मदद कर सकता है। वर्जिन नारियल तेल में मौजूद पॉलीफेनोल्स कंपाउंड एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करते हैं। चूहों पर किए गए एक अध्ययन में देखा गया कि नारियल तेल के प्रयोग से ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों के कमजोर होने वाली बीमारी) से ग्रस्त चूहे में एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम की मात्रा बढ़ गई। इसकी मदद से लिपिड पेरोक्सिडेशन से बचाव हुआ, जो सेल डैमेज का कारण बनता है। इसी वजह से कोकोनट ऑयल बोन वॉल्यूम बढ़ा सकता है और हड्डी के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि यह फ्रैक्चर की रोकथाम में भी मदद कर सकता है। इसी आधार पर कहा गया है कि हड्डियों के लिए एंटीऑक्सीडेंट समृद्ध डाइट जैसे कोकोनट ऑयल का सेवन किया जा सकता है ।

अर्थराइटिस के लिए नारियल तेल के लाभ
कोकोनट ऑयल को हेल्दी डाइट में शामिल करना चाहिए। अर्थराइटिस के पेशेंट्स के लिए भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि नारियल तेल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। चूहों पर किए गए प्रयोग से भी इस बात की पुष्टि की गई है कि गठिया से बचाव में नारियल तेल कारगर हो सकता है ।

नारियल तेल के नुकसान –
नारियल तेल के फायदे हम आपको बता ही चुके हैं, लेकिन इसका अधिक इस्तेमाल करने से शरीर को फायदे की जगह नारियल तेल के नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है। जी हां, अति किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती है। चाहे वो कितना ही पोष्टिक क्यों न हो। इसी वजह से आगे हम नारियल तेल के नुकसान के बारे में बता रहे हैं। नारियल तेल में सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है। इसी वजह से अगर इसका सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाए, तो यह नुकसान पंहुचा सकता है । इसकी वजह से हानिकारक कोलेस्ट्रोल बढ़ सकता है । नारियल तेल के अधिक सेवन से बढ़ने वाला हानिकारक कोलेस्ट्रोल (LDL) हृदय रोग का कारण बन सकता है । अतिसंवेदनशील लोगों को डॉक्टर की सलाह पर नारियल तेल का सेवन करना चाहिए अन्यथा उन्हें एलर्जी हो सकती है । पहली बार नारियल तेल का सेवन करने वालों को हल्की दस्त की समस्या हो सकती है। हालांकि, सेवन के दूसरे हफ्ते में यह समस्या खुद-ब-खुद कम हो सकती है । कुछ लोगों को नारियल तेल के सेवन से हल्का पेट दर्द और उल्टी की समस्या हो सकती है। ये दुष्प्रभाव भी पहली बार नारियल तेल का उपयोग करने वालों में सेवन के पहले हफ्ते में ही देखे गए हैं । अधिक मात्रा में चेहरे पर नारियल तेल लगाने से त्वचा तैलीय और चिपचिपी हो सकती है।