चंद्रशूर के ज़बरदस्त फायदे-

चंद्रशूर के ज़बरदस्त फायदे-

चन्द्रशूर के फायदे और उपयोग
चंद्रशूर के औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

हिचकी की परेशानी में चंद्रशूर के फायदे
10 ग्राम चन्द्रसूर (हलीम) के बीज को 8 गुने जल में पकाएं। इसे गाढ़ा हो जाने पर कपड़े से छान लें। इस जल को 50 मिली की मात्रा में बार-बार पीने से हिचकी की परेशानी ठीक होती है।

सर्दी में चंद्रशूर के फायदे
चन्द्रसूर (हलीम) के बीजों का काढ़ा बनाएं। इसे 10-15 मिली मात्रा में पिलाने से सर्दी की वजह से होने वाली परेशानियों में लाभ होता है।

चंद्रशूर के औषधीय गुण से सूखी खांसी का इलाज
चंद्रशूर की टहनियों का काढ़ा बना लें। इसे 5-10 मिली मात्रा में पिलाने से सूखी खांसी में लाभ होता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

शरीर के दर्द में चंद्रशूर का सेवन लाभदायक
चन्द्रसूर को पानी में पीसकर पीने तथा लेप करने से खून से संबंधित विकारों तथा शरीर के दर्द से आराम मिलता है। चन्द्रसूर (हलीम) के 50 ग्राम बीजों को 200 मिली तिल के तेल में पका लें। तेल को छानकर लगाने से शरीर का दर्द ठीक होता है।

दस्त में चंद्रशूर के सेवन से लाभ
आप हलीम के बीज के फायदे दस्त में भी ले सकते हैं। 1 चम्मच चन्द्रसूर की बीज के रस में 1 गिलास नारियल पानी मिला लें। इसे पीने से दस्त और पेचिश में लाभ होता है। 1-2 ग्राम चंद्रशूर की जड़ के चूर्ण का सेवन करने से दस्त की परेशानी ठीक होती है।

पेट दर्द में चंद्रशूर के सेवन से लाभ
चन्द्रसूर की बीजों का काढ़ा बना लें। इसे 10-15 मिली मात्रा में पीने से पेट के दर्द से राहत मिलती है।

कब्ज़ में चम्सुर के फायदे
कब्ज की समस्या में आप चम्सुर का उपयोग कर सकते है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाला कफ जैसा पदार्थ लैक्सटिव के गुण वाला होता है, जो की कब्ज को दूर करने में मदद करता है।

आम अतिसार में चम्सुर के फायदे
आम अतिसार में भी चम्सुर का उपयोग कर सकते है, ये अतिसार के लक्षणों को कम करता है। इसके लिए आप इसके बीजों का पेस्ट बनाकर सेवन कर सकते हैं।

धातुपुष्टि में चम्सुर के फायदे
यदि आप कमजोरी महसूस करते है, और साथ ही आपका वजन भी आपकी लम्बाई के अनुरूप नहीं है तो आप चम्सुर का उपयोग कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार ये बल और पुष्टिवर्धक होता है।

पेट के रोग में चम्सुर के फायदे
उदर संबंधी रोग में चम्सुर का उपयोग फायदेमंद होता है, क्योंकि चम्सुर में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव की क्रियाशीलता पायी जाती है। जिस कारण ये उदर संबंधी विकारों को दूर करने में सहायता करता है।

कमर दर्द और सायटिका में चम्सुर के फायदे
कमर दर्द और सायटिका में चम्सुर का सेवन फायदेमंद हो सकता हैं, क्योंकि इसमें एंटीइंफ्लामेट्री गुण होता है। आयुर्वेद के अनुसार, गर्म तासीर होने ये वात दोष और सूजन को कम करने में मदद करता है।

चंद्रशूर के औषधीय गुण से खूनी बवासीर का इलाज
हलीम के बीज के फायदे से खूनी बवासीर के इलाज में मदद मिलती है। 5 मिली चन्द्रसूर के बीज के रस लें। इसे पानी या नारियल का पानी मिलाकर पीने से रक्तार्श (खूनी बवासीर) में लाभ होता है।

लीवर रोग में चंद्रशूर के सेवन से लाभ
हलीम के बीज के फायदे से लिवर से जुड़े रोगों में भी लाभ मिलता है। 10-15 मिली चंद्रसूर की बीज का काढ़ा पीने से लिवर संबंधित विकारों में लाभ होता है।

सिफलिस (उपदंश) रोग में चंद्रशूर के सेवन से फायदा
चन्द्रसूर पंचांग का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पिलाने से उपदंश (सिफलिस) रोग में लाभ होता है।

चंद्रशूर के औषधीय गुणों से स्तनों में दूध की वृद्धि

  • स्तनपान कराने वाली किसी महिला को दूध की कमी हो रही है तो हलीम के बीज के फायदे ले सकती हैं। चंद्रशूर के बीज से बने 10-20 मिली काढ़े में एक चम्मच शहद मिला लें। इसे पीने से स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।
  • 5-10 ग्राम बीजों को 100 मिली दूध में खूब गर्म कर लें। इसे पिलाने से स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।
  • चन्द्रसूर की बीजों को घी में भूनकर शर्करा मिला लें। इसका सेवन करने से स्तनों में दूध बढ़ता है



शारीरिक कमजोरी होने पर चंद्रशूर के फायदे
चन्द्रसूर के बीजों को घी में भूनकर शर्करा मिला लें। इसका सेवन करने से प्रसव के बाद होने वाली शारीरिक कमजोरी ठीक होती है।

मोच आने पर चंद्रशूर से लाभ
चन्द्रसूर के बीजों को पीसकर लगाने से मोच में बहुत लाभ होता है।

चंद्रशूर के औषधीय गुण से गठिया का इलाज
चन्द्रसूर के बीजों तो तिल के तेल में पका लें। इसे लगाने से वातरक्त तथा गठिया की बीमारी में लाभ होता है।

सूजन की समस्या में चंद्रशूर से लाभ
चन्द्रसूर के बीजों को पीसकर लगाने से शरीर के सभी अंगों की सूजन ठीक हो जाती है। चंद्रसूर के बीजों को कूट लें। इसमें नीबू का रस मिलाकर लगाने से सूजन कम हो जाती है।

चन्द्रशूर के उपयोगी भाग
आप चंद्रशूर के इन भागों का उपयोग कर सकते हैंः-

  • हलीम (चंद्रशूर) के बीज
  • जड़
  • पत्ते
  • पंचांग