FASTag का खेल खत्म, आ गया सैटेलाइट टोल सिस्टम, नितिन गडकरी का बड़ा फैसला!
टोल प्लाजा पर अब लंबी लाइनों की जरूरत नहीं होगी। सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम के जरिए कार की पहचान कर टोल कलेक्शन किया जाएगा। शुरुआत में फास्टैग और सैटेलाइट सिस्टम दोनों मिलेंगे, लेकिन धीरे-धीरे पूरा सिस्टम सैटेलाइट पर ट्रांसफर हो जाएगा। सड़क परिवहन मंत्रालय ने नेशनल हाईवे फीस नियम, 2008 को संशोधित किया है।
टोल प्लाजा पर पहले लंबी लाइनें तो आपने देखी ही होंगी। इसके बाद फास्टैग की एंट्री होती है और कारों की लंबी लाइनें भी कम हो जाती है। लेकिन अब एक ऐसा सिस्टम आ गया है जहां लाइन में लगने की जरूरत ही नहीं है। आपको बस कार सीधा लेकर जानी है और खुद ही आपके अकाउंट से पैसे कट जाएंगे। दरअसल इसे सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम का नाम दिया गया है। इसमें फास्टैग स्कैन करने की जरूरत नहीं होगी और सैटेलाइट की मदद से कार की पहचान करके टोल कलेक्शन किया जाएगा।अभी फास्टैग को खत्म नहीं किया जाएगा। शुरुआत में FASTag और सैटेलाइट सिस्टम दोनों मिलेंगे। लेकिन फिर धीरे-धीरे पूरा सिस्टम सैटेलाइट पर ही ट्रांसफर कर दिया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से ये फैसला लिया गया है। मंत्रालय की तरफ से नेशनल हाईवे फीस नियम, 2008 को संशोधित कर दिया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन को भी शामिल कर दिया गया है। ये फैसला सैटेलाइट टोल कलेक्शन सिस्टम को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
कैसे करेगा काम ?
सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम के लिए कार या अन्य किसी व्हीकल चालक को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी। कार में लगे सिस्टम की मदद से खुद ही पैसे कट जाएंगे। इसके लिए तैयारी की जा रही है। फिलहाल फास्टैग के बंद करने को लेकर किसी प्रकार की ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है। मान लीजिये आप किसी ऐसी सड़क या हाईवे पर जा रहे हैं जहां टोल लगता है तो वहां की लोकेशन के आधार पर खुद ही आपके अकाउंट से पैसे कट जाएंगे। यानी अब आपको रुककर टोल कटवाने की कोई जरूरत नहीं होती है। यानी ये पूरी तरह ऑटोमेटिक सिस्टम है जो बिल्कुल अलग तरीके से काम करता है। इसमें आपको कहीं पर भी रुकने की जरुरत नहीं होती है।