श्री चिंतामन गणेश उज्जैन
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से करीब 6 किलोमीटर दूर ग्राम जवास्या में भगवान गणेश का प्राचीनतम मंदिर स्थित है। इसे चिंतामण गणेश के नाम से जाना जाता है। गर्भगृह में प्रवेश करते ही हमें गौरीसुत गणेश की तीन प्रतिमाएं दिखाई देती हैं। यहां पार्वतीनंदन तीन रूपों में विराजमान हैं। पहला चिंतामण, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक।
ऐसी मान्यता है कि चिंतामण गणेश चिंता से मुक्ति प्रदान करते हैं, जबकि इच्छामन अपने भक्तों की कामनाएं पूर्ण करते हैं। गणेश का सिद्धिविनायक स्वरूप सिद्धि प्रदान करता है। इस अद्भुत मंदिर की मूर्तियां स्वयंभू हैं। गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले जैसे ही आप ऊपर नजर उठाएंगे तो चिंतामण गणेश का एक श्लोक भी लिखा हुआ दिखाई देता है.।
कैसे पहंचे
निकटतम हवाई अड्डा इंदौर यहां से करीब 60 किलोमीटर दूर है। रेल, बस और टैक्सियों से भी यहां पहुंचा जा सकता है। और उज्जैन रेलवे स्टेशन इसी के करीब है जहाँ से मात्र 20 मिनट लगते है स्टेशन से सिटी बस या फिर मैजिक उपलब्ध हो जाती है ठहरने के लिए यहां होटल और धर्मशालाएं भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं।
आरती समय | |
चोला आरती
|
07:00
|
शाम आरती
|
07:30
|
शयन आरती
|
09:30
|