योग फल - सुकर्मा योग
योग, मूल रूप से, सूर्य और चंद्रमा के संयोजन का उल्लेख करते हैं, जब एक नक्षत्र में जन्म होता है। वैदिक ज्योतिष में प्रतिपादित सत्ताईस नक्षत्रों के आधार पर कुल 27 विभिन्न योग हैं। ज्योतिषीय संयोजन या निति योग किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व लक्षणों को समझने में मदद करते हैं। नित्य योग की गणना गणितीय रूप से चंद्रमा और सूर्य के अनुदैर्ध्य को जोड़कर की जाती है और योग को 13 डिग्री और 20 मिनट से विभाजित किया जाता है।
सुकर्मा योग :
इस योग में जन्म लेने वाले लोग शुभ एवं अच्छे कर्मों को करने वाले, एवं धार्मिक व् आध्यात्मिक स्वभाव को धारण करने वाले होते हैं। सुकर्मा योग में जन्मे लोग सरल स्वभाव एवं अच्छी सोच के धनी होते हैं। इस योग में जन्मे लोग सभी लोगों के प्रति आत्मीय भाव रखने वाले होतें है,एवं लोगों के प्रति दया भाव व् संवेदनशीलता इनमे अधिक होती है। सुकर्मा योग एक प्रकार से भव्य भाग्य का निर्माण करने वाला योग है। इस योग में जन्मे लोग सरल स्वभाव के धनी, किसी भी कार्यक्षेत्र में किसी भी पद पर कार्यरत हों, अपने कार्यों के प्रति सदैव समर्पण का भाव इनमे विद्दमान रहता है। धन की अपेक्षा ये स्वभाव से दानी एवं पवित्र आत्मा के धनी होते हैं। ये विशेष रूप से गुणवान एवं सामान्य जन में आदर एवं सम्मान का पात्र समझे जाते हैं। सुकर्मा योग में जन्मे लोग सभी प्रकार के भौतिक सुखों को भोगने वाले होते हैं।