पलाश के फायदे एवं नुकसान

पलाश के फायदे एवं नुकसान

इंटेस्टाइनल वॉर्म को दूर करता है: पलाश के बीज के पाउडर को पेट के कीडों को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

डायबिटीज का इलाज करता है:
पलाश के पेड़ की पत्तियों का इस्तेमाल शुगर को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।

गले में खराश को दूर करता है:
गले में खराश के लिए पलाश की पत्तियों को उबालकर माउथवॉश के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

स्किन डिसऑर्डर में राहत प्रदान करता है:
एक्जिमा की समस्या, खुजली और अन्य त्वचा विकारों से राहत के लिए, इसके बीज के पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर नियमित रूप से लगाया जाना चाहिए। पलाश का उपयोग स्किन डिजीज से राहत दिलाने का काम करता है। पलाश के सीड यानी बीजों को स्किन में लगाने से इचिंग की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही स्किन डिसऑर्डर से राहत पाने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।

नेजल ब्लीडिंग को रोकने में :
नेजल ब्लीडिंग को रोकने के लिए पलाश के फूलों का उपयोग किया जा सकता है। आप 6 से 7 फूलों को पानी में रातभर भिगोकर रखें। अगली सुबह उस सॉल्शूयन में कुछ मात्रा में शुगर यानी शक्कर मिलाएं। अब इसे पेशेंट को दें। ऐसा करने नेजल ब्लीडिंग की समस्या से राहत मिलती है।

लिकोरिया को करे दूर:
इसकी पत्तियां लिकोरिया के प्रबंधन में भी फायदेमंद हैं। इससे राहत के लिए नियमित रूप से जननांग भागों को धोने के लिए इसके काढ़े का उपयोग किया जाता है।

मासिक धर्म की ऐंठन:
इसके फूलों से बना शंखपुष्पी नपुंसकता और मासिक धर्म की ऐंठन में फायदेमंद है।

अल्सर:
इसके पौधे के फल और बीज का उपयोग त्वचा के अल्सर, पाइल्स के इलाज के लिए किया जाता है।

एनर्जी प्रदान करता है:
टेसू के फूल का सेवन करने से शरीर को एनर्जी प्राप्त होती है।

पानी की कमी को दूर करता है:
इसका सेवन शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता। यही कारण है कि डायरिया में भी इसे लेने की सलाह दी जाती है।

ब्लड सर्क्युलेशन को रेगुलेट करता है:
यह हर्ब ब्लड सर्क्युलेशन को नियंत्रित करने में भी मददगार है। पलाश का उपयोग करने से पहले हर्ब एक्सपर्ट से जानकारी जरूर लें।

वाउंड हीलिंग में :
पलाश के बीजों को अगर घाव पर लगाया जाए तो घाव के भरने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। पलाश के बीजों का प्रयोग किस तरह से घाव पर करना है, आपको इसके बारे में एक्सपर्ट से जानकारी लेनी चाहिए।

एड़ियों की सुंदरता के लिए :
फटी एड़ियों से राहत पाने के लिए पलाश का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग एक्सपर्ट के बताए गए निर्देशों के अनुसार ही करें।

पाइल्स की समस्या में राहत :
पाइल्स की समस्या से छुटकारा पाने के लिए पलाश के पौधे का इस्तेमाल किया जाता है। पलाश के पौधे की एश (करीब 20 ग्राम) को गर्म घी में मिलाकर रोगी को दिया जाता है। इस एश का उपयोग हर्ब एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें। साथ ही पलाश की ताजी पत्तियों का भी सेवन घी के साथ किया जाता है। वहीं दही के साथ भी इसे लेनी की सलाह दी जा सकती है। अगर आपको पाइल्स की समस्या है और आप पलाश का उपयोग करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप पहले हर्बल एक्सपर्ट से जानकारी लें और फिर उनकी बताई गई सलाह के अनुसार ही पलाश का उपयोग करें। यहां दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।

यूरिनरी डिसऑर्डर:
यूरिनरी डिसऑर्डर होने पर पलाश का उपयोग फायदा पहुंचाता है। पलाश के बड्स को तोड़ने के बाद उन्हें सूखाना चाहिए। अब इसे धोना चाहिए और फिर कुछ मात्रा में गुड़ मिलाना चाहिए। इसके बाद एक्सपर्ट के अनुसार उसकी तय मात्रा को पेशेंट को देना चाहिए। ऐसा करने से यूरिनरी डिसऑर्डर की समस्या से राहत मिलती है।

इन परेशानियों में भी मददगार है पलाश का इस्तेमाल:

  • किडनी स्टोन को दूर करता है
  • रिंगवॉर्म
  • कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) में इसका इस्तेमाल किया जाता है
  • क्रोनिक फीवर में राहत
  • पीरियड्स में सही ब्लीडिंग न होना
  • सांप के कांटने के लिए एंटीडोट का काम करता है
  • त्वचा रोगों को दूर करता है
  • वजायना डिसचार्ज की परेशानी को दूर करता है
  • पेट में किसी तरह के इंफेक्शन को दूर करता है