जल्दी-जल्दी नहीं गहरी सांस लेकर देखिए, सेहत पर होता है गहरा असर

जल्दी-जल्दी नहीं गहरी सांस लेकर देखिए, सेहत पर होता है गहरा असर

जिंदा रहने के लिए सांस लेना सबसे जरूरी है, लेकिन लंबी उम्र तक हेल्दी बने रहने के लिए आप सांस लेते कैसे हैं, यह बात भी बहुत मायने रखती है। कोई जल्दी-जल्दी सांस लेता है, तो कोई बहुत धीरे-धीरे सांस लेता है। सांस लेने का तरीका भी हमें सेहतमंद बनाता है। हजारों वर्षों से सांस लेने और छोड़ने का महत्व रहा है, जिसे आचार्यों ने प्राणायाम के अभ्यास के रूप में प्रस्तुत किया है। आचार्यों के साथ-साथ कई अध्ययनों में भी जल्दी-जल्दी नहीं, बल्कि गहरी सांस लेने को सेहत के लिए फायदेमंद बताया गया है।

सीनियर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. भावना बर्मी कहती हैं कि गहरी सांस लेने का सकारात्मक असर मस्तिष्क के साथ-साथ हमारे पूरे सेहत पर पड़ता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छी तरह से होती है। सभी नर्व्स शांत हो जाते हैं। शरीर की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं। रक्त दबाव में कमी आती है। गहरी सांस लेना हृदय और फेफोड़ों के लिए भी बहुत अच्छा माना गया है। इससे इन्हें मजबूती मिलती है। हृदय अपना काम बेहतर ढंग से कर पाता है। साथ ही एंग्जाइटी एवं तनाव से संबंधित डिसऑर्डर भी दूर होते हैं। प्रतिदिन दो से तीन मिनट गहरी सांस लेने से ध्यान और एकाग्रता में वृद्धि होती है।

मस्तिष्क रहे सक्रिय
मेडिटेशन के दौरान नियंत्रित रूप से सांस लेने पर मस्तिष्क के आकार में वृद्धि होती है। दिमाग सक्रिय होता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन के अनुसार, मेडिटेशन के दौरान सांस लेने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करने से मस्तिष्क का आवरण या बाह्य त्वचा (कॉर्टिकल) को मजबूती मिलती है।

सुधरती है हार्ट बीट
हृदय गति (हार्ट रेट) में अधिक भिन्नता या अस्थिरता कई बार हार्ट अटैक का कारण होता है। एक अध्ययन के अनुसार, योग से अलग यदि आप गहरी सांस लेने का अभ्यास करते हैं, तो इससे हृदय गति की अस्थिरता में सुधार होता है। दिल अधिक मजबूत और स्वस्थ होता है। गहरी सांस लेने और छोड़ने से श्वसन प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे फेफड़ों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।

तनाव होता है कम
तनाव कम करना चाहते हैं, तो गहरी सांस लेकर और छोड़कर देखें। कुछ ही दिनों में तनाव से छुटकारा पा लेंगे। इससे शरीर और दिमाग दोनों ही शांत अवस्था में पहुंच सकता है। तनाव से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो प्रतिदिन शांत वातावरण में बैठकर अपनी सांस लेने के प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करें।

रक्त दबाव रहे सामान्य
यदि आपको उच्च रक्त चाप यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो कुछ मिनटों के लिए धीरे-धीरे गहरी सांस लें। इससे रक्त चाप सामान्य होने लगेगा। एक अध्ययन के अनुसार, धीरे-धीरे गहरी सांस लेने से ब्लड वेसल्स रिलैक्स होने के साथ फैलते भी हैं।

एंग्जाइटी को कहें बाय-बाय
जरनल टीचिंग एंड लर्निंग मेडिसिन में छपे एक अध्ययन के अनुसार, जो विद्यार्थी परीक्षा से पहले प्रतिदिन डीप-ब्रीदिंग मेडिटेशन का अभ्यास करते हैं, उनमें ऐसा न करने वाले विद्यार्थियों की अपेक्षा एंग्जाइटी, खुद पर अविश्वास, ध्यान में कमी बहुत कम देखी जाती है। गहरी सांस लेने से एंग्जाइटी कम होने के साथ-साथ तनाव के लक्षण और नकारात्मक भावनाओं में भी कमी आती है। बच्चों को यदि आप अच्छी तरह से सांस लेने के बारे में बताते हैं, तो यह उनकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। परीक्षा के पहले जो बच्चे गहरी सांस लेते हैं, वे अधिक ध्यानपूर्वक परीक्षा दे पाते हैं। ऐसा करने से उनमें पाठ को दोहराने की योग्यता भी सुधरती है।