किराये के मकान के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स, दूर हो जाएंगे सभी नकारात्मक दोष

किराये के मकान के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स, दूर हो जाएंगे सभी नकारात्मक दोष

वास्तु शास्त्र का दायरा काफी बड़ा है, इसे अच्छे से समझने के लिए हमें इसका अर्थ समझना होगा। वास्तु को हम सामान्य रूप से समझें तो रहने की जगह यानि घर या निवासस्थान को कहते हैं। वास्तु शास्त्र पांच तत्वों की क्रियाओं का विज्ञान है। वास्तु शास्त्र कला, विज्ञान, खगोल विज्ञान और ज्योतिष को मिलाकर बनाया गया है।
हममें से अक्सर कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने आसपास कई तरह की ऊर्जा का प्रभाव महसूस करते हैं जिसका असर हमारे जीवन पर भी पड़ता है इसलिए लोग वास्तु के माध्यम से अपने जीवन में आई समस्याओं को सरल बनाते हैं। वास्तु शास्त्र हमें नकारात्मक ऊर्जा से दूर सुरक्षित वातावरण में रखता है। उत्तर भारत में मान्यता अनुसार वास्तु शास्त्र वैदिक निर्माण विज्ञान है, जिसकी नींव विश्वकर्मा जी ने रखी है।

इसका प्रयोग मुख्य रूप से घर, मंदिर या ऑफिस के लिए उपयोग किया जा सकता है। लेकिन बात करें आज के समय की तो हममें से अधिकतर लोग काम की वजह से अपने घर से दूर किसी नई जगह पर किराए का मकान लेकर रहते हैं। हालांकि इस दौरान लोग वास्तु का उतना ध्यान तो नहीं रख पाते हैं क्योंकि ये उनका खुद का घर नहीं होता है। लेकिन अगर फिर भी आप वास्तु शास्त्र में विश्वास रखते हैं तो आपको किराए के घर में भी कुछ नियमों का जरूर ध्यान रखना चाहिए क्योंकि ऐसा कर आप बड़ी से बड़ी परेशानियों से भी बच सकते हैं।

वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान


बाहरी वातावरण का रखें ध्यान
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर के अंदर का वातावरण ही नहीं बल्कि बाहर मौजूद ऊर्जाएं भी घर को प्रभावित करते हैं। इसलिए जहां आप घर ले रहे हैं वहां के लोकेशन का ध्यान जरूर रखें, आजकल बड़े शहरों में शहरों में ज्यादातर जगहों पर मोबाइल और बिजली के टावर रहते हैं पर ऐसी जगहों पर घर नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा अस्पताल, कब्रिस्तान या भीड़भाड़ वाले इलाकों में घर लेने से बचना चाहिए।

खाली रखें यह दिशा
अगर आप किसी किराए के मकान में रह रहे हैं तो इस बात का ख्याल जरूर रखें कि उस घर का उत्तर-पूर्व भाग खाली रहे। वास्तुशास्त्र के अनुसार जिस भी घर में आप रहे हैं उसका भारी सामान रखना हो तो इसे दक्षिण-पश्चिमी भाग में ही रखें उत्तर-पूर्व भाग का प्रयोग न करें। पानी की सप्लाई के लिए उत्तर-पूर्वी दिशा ही बेहतर होती है।

बेड की दिशा
ध्यान रहे कि जिस कमरे में आप सोते हैं उसमें आपके बेड की दिशा दक्षिण की तरफ हो। अर्थात आपको दक्षिण दिशा की ओर सिर रखकर ही सोना चाहिए, आपके पैर उत्तर दिशा में होने चाहिए। अगर किसी वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा है तो आप पश्चिम दिशा की ओर सिर रखकर भी सो सकते हैं।

भोजन करने की दिशा
सभी चीजों के साथ इन चीजों का ध्यान भी अवश्य रखें कि भोजन करते समय आपका मुख दक्षिण-पूर्व की ओर होना चाहिए। पर अगर ऐसा नहीं हो पा रहा तो आप लेकिन अगर ये भी संभव ना हो तो पानी ग्रहण करते समय अपना मुख ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर रखें। इसके अलावा पूजा स्थल उत्तर-पूर्व दिशा में ही स्थापित करें।
इन बातों के अलावा वास्तु की मानें तो कुछ उपायों को अपनाकर आप अपने किराए के घर की नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर कर सकते हैं।

किराए के घर में अपनाएं ये वास्तु उपाय
जैसे घर में प्रवेश करने से पहले एक छोटा सा हवन करा लें ताकि वह जगह शुद्ध हो जाए और नकारात्मक ताकतें बाहर निकल जाएं। आप चाहे तो इसके लिए गणेश पूजा, नवग्रह शांति और वास्तु पूजा करा सकते हैं।
वास्तु के अनुसार रंगों में भी कंपन होती है इसलिए हमेशा दीवारों पर हल्का रंग ही कराएं। गहरे रंग कराने से बचें, जिसमें ज्यादा ग्रे या काला हो। ध्यान रहे कि घर में प्रवेश करने से पहले नया पेंट कराएं और सभी लीक होने वाले पाइप, टंकियां, टूटा फर्नीचर और शेल्फ रिपेयर करा लें।
इसके अलावा छोटे मोटे वास्तुदोष से निपटने के लिए कोई भी वास्तु सद्भाव चित्र, यंत्र और क्रिस्टल को घर में रख सकते हैं। यही नहीं हो सकते तो हल्की सुगंध वाली धूप या जरूरी तेलों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जो घर को साफ और तरोताजा रखने के लिए किया जाता है।